tag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post3661605256804509297..comments2023-10-17T13:42:06.127+05:30Comments on मनसा वाचा कर्मणा: हनुमान लीला भाग-६ Rakesh Kumarhttp://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comBlogger62125tag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-82215980692199533132012-11-08T12:23:53.392+05:302012-11-08T12:23:53.392+05:30बहुत अच्छी जानकारी उपलब्ध कराई है आपने ! बहुत बहुत...बहुत अच्छी जानकारी उपलब्ध कराई है आपने ! बहुत बहुत आभार ! <br /><br />मेरी पोस्ट - नैतिकता और अपराध के लिए मेरे ब्लॉग पर आये Manoj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16191596962503653854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-29501416964540543652012-10-31T23:16:00.634+05:302012-10-31T23:16:00.634+05:30आदरणीय श्रीमान राकेश कुमारजी| गहन भाव अभिव्यक्त हु...आदरणीय श्रीमान राकेश कुमारजी| गहन भाव अभिव्यक्त हुए है इस आलेख में| मूढ़ता को दूर करनेवाली आपकी महान प्रस्तुतियों के लिए सादर प्रणाम बारम्बार| :)Mohini Puranikhttps://www.blogger.com/profile/14785651378350749989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-2850249156924198132012-10-24T18:50:07.886+05:302012-10-24T18:50:07.886+05:30प्रिय राकेश जी,
मैं आपके ब्लॉग "मनसा वाचा कर...प्रिय राकेश जी,<br /><br />मैं आपके ब्लॉग "मनसा वाचा कर्मणा" का नियमित पाठक हूँ. आपने भी शायद मेरा ब्लॉग "धर्मसंसार" पढ़ा होगा. ये पहली बार मैं आपसे संपर्क कर रहा हूँ कारण कि मैंने भीष्म और अम्बा पर आधारित "स्वयंवर" नामक एक उपन्यास लिखा है जिसे डायमंड बुक्स ने छापा है. चूँकि धार्मिक और पौराणिक विषयों पर आपकी पकड़ बहुत अच्छी है इसीलिए मेरी ये इच्छा थी कि मेरा उपन्यास पढ़ कर अपनी राय दें. अगर ये उपन्यास आपको पसंद आता है तो मैं चाहूँगा कि आप अपने ब्लॉग पर उस पुस्तक की समीक्षा लिखें. इसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा. अगर आप इसपर पर सहमत हों तो मुझे संपर्क कर सकते हैं. मैं एक पुस्तक आपके पते पर भिजवा दूंगा. <br /><br />धन्यवाद<br />नीलाभ वर्मा<br />9958574758धर्म संसारhttps://www.blogger.com/profile/17834417490592325731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-70478792259357026302012-10-20T14:26:37.183+05:302012-10-20T14:26:37.183+05:30आदरणीय गुरु जी नमस्ते .. सुन्दर और गहन व्याख्या......आदरणीय गुरु जी नमस्ते .. सुन्दर और गहन व्याख्या....आपसे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है .....अब आगे मै अज्ञानी क्या कहूँ..... मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-75838024849897414012012-10-20T05:43:11.712+05:302012-10-20T05:43:11.712+05:30बहुत समय बाद आना हुआ...बहुत अच्छा लगा...कैसे हैं आ...बहुत समय बाद आना हुआ...बहुत अच्छा लगा...कैसे हैं आप?Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-29788714957155786812012-10-19T20:45:50.197+05:302012-10-19T20:45:50.197+05:30बहुत खुबसूरत .
सार्थक रचना बहुत खुबसूरत .<br /><br />सार्थक रचना Rajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-40760137271318764112012-10-19T17:43:40.488+05:302012-10-19T17:43:40.488+05:30श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकरु सुधारि।
वरनऊँ र...श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकरु सुधारि। <br />वरनऊँ रघुवर बिमल यश जो दायक फल चारि।।<br />बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौ पवन कुमार। <br />बल वुधि बिद्या देहु मोहिं,हरहु कलेस विकार।।<br />मै तो हनुमान जी के नाम को हृदय में रखते हुये सभी को सभी ब्लागर्स व विजिटरों को सादर जय श्री राम जी।<br /> सच में हनुमान जी के चरणों में समर्पित होने से बहुत से फायदे हैं।चिन्ता मिट जाती हैं।<br />आप भी जानते है कि ब्लागर घुमंतु होता है सो अपने घुमंतु स्वभाव के कारण घूमत-2 आपके ब्लाग पर चला आया तो आपके ब्लाग पर आकर दृ्ष्टि जम गयी आप जैसे प्रभु भक्त से मुलाकात हो गयी। आपने आध्यात्म का सच्चा ज्ञान प्रस्तुत किया है सच जाने की इच्छा नही हो रही किन्तु स्वभाव की मजबूरी है और परिवर्तन बहुत जरुरी है सो आपको तथा अन्य ब्लागर बंधुओं को अपने ब्लागों पर आने का आमंत्रण देने के साथ ही सादर जय श्री राम जय जय हनुमान http://ayurvedlight.blogspot.in व http://ayurvedlight1.blogspot.in तथा http://rastradharm.blogspot.inGyanesh kumar varshneyhttps://www.blogger.com/profile/09360031175151749460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-26499702691778635362012-10-19T10:39:56.277+05:302012-10-19T10:39:56.277+05:30धन्यवाद राकेश जी मेरी अनुपस्थिति से आप परेशां हुए ...धन्यवाद राकेश जी मेरी अनुपस्थिति से आप परेशां हुए ....क्या हुआ की मेरा मदर बोर्ड खराब हुआ जो ग्यारेयन्ट्री में था ...उसे हास्पिटल से वापस आने मैं एक महिना लग गया ...अब वो भला चंगा है ..आपकी दुआ से ..धन्यवाद ! जल्दी ही सबकुछ नार्मल हो जायेगा ... दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-38595573090599097052012-10-18T21:16:54.100+05:302012-10-18T21:16:54.100+05:30 राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे... राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे .... बहुत अच्छा लगा रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-45451930180072532862012-10-18T18:32:04.438+05:302012-10-18T18:32:04.438+05:30कितनी सुन्दर और गहन व्याख्या की है आपने ……मै तो अभ...कितनी सुन्दर और गहन व्याख्या की है आपने ……मै तो अभिभूत हो गयी………कुछ कहने को बचा ही नहीं सब कुछ आपने बयान कर दिया …………आप पर प्रभु की असीम कृपा है जो आपने इतने गहन भेदों को खोला है………हार्दिक आभारी हूँ आपने हमारा भी मार्गदर्शन किया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-73232793229041681322012-10-17T20:19:45.049+05:302012-10-17T20:19:45.049+05:30बहुत ही उत्तम और सार्थक विश्लेषण.....आभारबहुत ही उत्तम और सार्थक विश्लेषण.....आभारSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-65235413655985123722012-10-16T20:25:48.321+05:302012-10-16T20:25:48.321+05:30धन्य हुई आपकी पोस्ट पढ़ कर... सच इस से मन मे एक शक...धन्य हुई आपकी पोस्ट पढ़ कर... सच इस से मन मे एक शक्ति का संचार हुआ ... अपनी नेकी की राह पर चलते रहने की सीख और अपनी दिशा से न भटकने की सदबुद्धि और अपने को राक्षसी ताकतों के आगे हारा और हीनभावना से बचाता हुआ एक ज्ञान का सागर लगा ... एक एक पंक्ति से मुझे अपने अच्छे लक्ष्य की ओर अग्रसारित होने की सीख मिली ... जर्रोर भगवान् मेरी और हमारी मूढ़मति को हर हमें कल्याण की राह पर पदमव्ययं पहुचाएंगे ......... सच आजकल मैंने जिंदगी के कुछ कडुवे अनुभव देखे जिसमे राक्षसी ताकतों ने मुझे बहुत हीनभावना से ग्रसित करना चाहा ... मैंने उनका फिर भी कोई नुक्सान नहीं किया ... हां मैंने खुद को उस जगह से हटा दिया ... मै जानती हूँ .. हम साफ़ है तो प्रभु का साथ है... और एक दिन हम सफल होंगे .. लेकिन असली ख़ुशी सद चित्त आनंद मेरा सदा ध्येय रहेगा ... भगवान् राम, प्रभु हनुमान, माँ भवानी के चरणों मे मेरा वंदन ... नवरात्रि पर शुभकामनाएं डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-76548041069326886062012-10-15T07:47:19.221+05:302012-10-15T07:47:19.221+05:30 दुर्गम काज जगत के जेते ,सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते... दुर्गम काज जगत के जेते ,सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते <br /> राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे <br /><br />जय महावीर जी कहना पड़ेगा। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-9172583928781709792012-10-14T15:17:56.628+05:302012-10-14T15:17:56.628+05:30आपकी पोस्ट पर आकर आध्यात्म के विषय में काफी कुछ जा...आपकी पोस्ट पर आकर आध्यात्म के विषय में काफी कुछ जाने और सीखने को मिल जाता है आभार Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-68557051524890215232012-10-13T19:34:31.473+05:302012-10-13T19:34:31.473+05:30बहुत गहन और सार्थक विश्लेषण..सदैव की तरह ज्ञान की ...बहुत गहन और सार्थक विश्लेषण..सदैव की तरह ज्ञान की अनवरत गंगा..आभार Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-81288472094227290192012-10-13T10:19:40.801+05:302012-10-13T10:19:40.801+05:30बढ़िया विश्लेषण किया है सार्थक लगा पढ़कर !
आगे से ...बढ़िया विश्लेषण किया है सार्थक लगा पढ़कर !<br />आगे से नियमित आने की कोशिश रहेगी ...आभार !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-74496900981878446842012-10-13T07:03:27.782+05:302012-10-13T07:03:27.782+05:30बहुत सुन्दर व्याख्या बहुत सुन्दर व्याख्या Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-47745411113128015262012-10-13T04:01:44.893+05:302012-10-13T04:01:44.893+05:30aadarniy sir
sadar naman
aaj subah ...aadarniy sir<br /> sadar naman<br />aaj subah -subah sabse pahle aapka hi blog dekha aur de khiye na bhor ka samay aur hanumaan ji ka manan bhi ho gaya. sanyog se din bhi sanivaar yaani hanumaan ji ka din .bahut dino baad shuruaat hanumaan ji ke saath.<br /> sach me bahut bahut hi achha laga padh kar.main bhi bahut dino baame kabhi- kabhi hi aa paati hun hun.karan aap sabhi jante hi hain.dekhte hain ki bhagvaan bhi kab tak meri parikxha lete hain.sheh fir------<br />mere swasthy ki kamna karne ke liye aapko punah------<br />sadar naman ke saath<br />poonam<br />पूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-85737975496375184272012-10-13T04:01:08.045+05:302012-10-13T04:01:08.045+05:30aadarniy sir
sadar naman
aaj subah ...aadarniy sir<br /> sadar naman<br />aaj subah -subah sabse pahle aapka hi blog dekha aur de khiye na bhor ka samay aur hanumaan ji ka manan bhi ho gaya. sanyog se din bhi sanivaar yaani hanumaan ji ka din .bahut dino baad shuruaat hanumaan ji ke saath.<br /> sach me bahut bahut hi achha laga padh kar.main bhi bahut dino baame kabhi- kabhi hi aa paati hun hun.karan aap sabhi jante hi hain.dekhte hain ki bhagvaan bhi kab tak meri parikxha lete hain.sheh fir------<br />mere swasthy ki kamna karne ke liye aapko punah------<br />sadar naman ke saath<br />poonam<br />पूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-8501623731634642122012-10-12T11:27:55.334+05:302012-10-12T11:27:55.334+05:30वीरू भाई विस्तृत टिपण्णी के लिए आभार.
भाव अच्छे और...वीरू भाई विस्तृत टिपण्णी के लिए आभार.<br />भाव अच्छे और सच्चे हों तो भगवान जी को सब <br />प्रिय हैं,फिर भाषा चाहे हिंदी हो,अंग्रेजी हो या कोई और.<br />उन्हें कुछ नही फर्क पड़ने वाला जी.<br /><br />आपने जो जानकारी दी उसके लिए हार्दिक आभार.<br />कई दफा हिंदी पर्यायवाची शब्द भी मष्तिष्क में कौंध नही पाते हैं.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-25521985888305043682012-10-12T07:39:53.932+05:302012-10-12T07:39:53.932+05:30बहुत बढिया एवं संग्रहणीय .बहुत बढिया एवं संग्रहणीय .Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-60104395844846945052012-10-12T00:31:06.644+05:302012-10-12T00:31:06.644+05:30बुद्धिहीन तनु जानकर, सुमिरौं पवन कुमार
...<br /> बुद्धिहीन तनु जानकर, सुमिरौं पवन कुमार <br /> बल बुधि बिद्या देहु मोहिं,हरहु कलेस बिकार .......बल -बुद्धि ............<br /><br /><br />श्रीमद्भगवतगीता में 'मूढ़ता' की विभिन्न स्थितियों का जिक्र हुआ है.जैसे कि<br /><br />'विमूढ' - जिसमें विवेकशक्ति लगभग शून्य हो.<br /><br />'मूढ़' - जो थोड़ी बहुत विवेक शक्ति रखता हो, परन्तु जो अपनी मूढता को पहचानने में असमर्थ हो. <br /> <br />'सम्मूढ' - जो मूढ़ तो हो परन्तु अपनी मूढता का आत्मावलोकन कर सके.<br /><br /><br />हनुमान जी की भक्ति से हम विमूढ़ से मूढ़ , मूढ़ से 'सम्मूढ' और 'सम्मूढ' से 'अमूढ़ ' होकर 'गच्छ्न्त्यमूढाः पदमव्ययं तत्' यानि जीवन के परम लक्ष्य <br /><br />की ओर जाने का सच्चा और सार्थक प्रयास कर सकते हैं. याद रहे अर्जुन ने भी अपने रथ पर कपिध्वज को ही धारण किया था,जिस कारण वह <br /><br />श्रीमद्भगवद्गीता रुपी दुर्लभ अमृत ज्ञान का रसपान कर सका<br /><br />. क्यूंकि जब हम स्वयं को कोई मान देते हैं और दुसरे>>>>>>>(दूसरे .......) उस मान को अनदेखा कर कोई मान नही देते हैं या उससे कम मान देते हैं तो <br /><br />हम 'अपमानित' महसूस कर सकते हैं और हममें क्रोध या 'Inferiority complex' का संचार हो जाता है.इसी प्रकार यदि हमारे स्वयं के दिए हुए मान से <br /><br />दुसरे।।।।।।।।।(दूसरे .......) हमें अधिक मान देते हैं तो हम अपने को 'सम्मानित' महसूस कर सकते <br /><br />हृदय में द्वन्द।।।।।।।(द्वंद्व )..... की स्थिति से मुक्ति पाना अत्यंत आवश्यक है।।।।।द्वंद्व ........<br /><br />भाई साहब इस दौर में जब आदमी मूढ़ होकर भी खुद को मूढ़धन्य(मूर्धन्य )मान लेता हो हनुमान का स्मरण कितना ज़रूरी है .बहुत बढ़िया व्याख्या <br /><br />आपने मूढों की किस्में बखान करने में की है .<br /><br />अ-मूढ़ शब्द हमारे शब्द कोष में जोड़ा है .<br /><br />हम तो बुद्ध और निर्बुद्ध तक ही सीमित थे .<br /><br />Inferiority Complex को आप हीनत्व कह लीजिए ,हीन भावना कह लीजिए .<br /><br />Superiority Complex को आप श्रेष्ठता बोध कह लीजिए .<br /><br />भगवानजी के आगे अंग्रेजी बोलना क्या ठीक लगता है .भगवान जी क्या सोचेंगे ? आपका मान सदैव हनू बना रहे ,उच्चत्व को प्राप्त होवें आप .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-17044130975885453792012-10-11T20:59:03.815+05:302012-10-11T20:59:03.815+05:30हनुमान जी के चरित्र पर इतनी सुन्दर व्याख्या पढ़ कर ...हनुमान जी के चरित्र पर इतनी सुन्दर व्याख्या पढ़ कर बहुत सुखद लगी। इसको अब निरंतर पढ़ती रहूंगी . इस कार्य के लिए आप बधाई के पत्र है।<br /><br />-- रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-55657390992433596602012-10-11T19:56:40.319+05:302012-10-11T19:56:40.319+05:30हनुमान लीला की आपकी श्रृंखला बहुत बढ़िया चल रही है...हनुमान लीला की आपकी श्रृंखला बहुत बढ़िया चल रही है!<br />पूर्ण होने पर इसकी पुस्तक प्रकाशित करवाइएगा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-190301987753645322012-10-11T19:24:20.542+05:302012-10-11T19:24:20.542+05:30सुन्दर व्याख्याएं. आंजनेय आपको पदमव्ययं प्राप्ति ...सुन्दर व्याख्याएं. आंजनेय आपको पदमव्ययं प्राप्ति में सहायक हों. P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com