tag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post4067811471956999487..comments2023-10-17T13:42:06.127+05:30Comments on मनसा वाचा कर्मणा: रामजन्म - आध्यात्मिक चिंतन -२Rakesh Kumarhttp://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comBlogger96125tag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-72652375236499545392019-12-14T12:07:40.985+05:302019-12-14T12:07:40.985+05:30बहुत सुंदर लेख महोदय जी 🙏😊
सार गर्वित बहुत सुंदर लेख महोदय जी 🙏😊<br />सार गर्वित Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12399162665581142495noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-56032662983711791582011-12-18T12:41:41.854+05:302011-12-18T12:41:41.854+05:30आदरणीय सर,इस पोस्ट की जानकारी देने के लिए हार्दिक ...आदरणीय सर,इस पोस्ट की जानकारी देने के लिए हार्दिक आभार|<br />बहुत ही गहन चिंतन है-ताडका,खर दूषण,दशानन,दशरथ,कौशल्या<br />और तीनों युगों को मन के भावों से जोड़कर सरल एवम् ग्राह्य बना दिया<br />है|बहुत सुन्दर विश्लेषण...आभार|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-37902458591028829842011-10-09T09:29:06.142+05:302011-10-09T09:29:06.142+05:30बुध जुग धर्म जानी मन माहीं , तजि अधर्म रति धर्म कर...बुध जुग धर्म जानी मन माहीं , तजि अधर्म रति धर्म कराहीं <br />बहुत अच्छा।Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-80289625283248573182011-09-17T23:01:40.479+05:302011-09-17T23:01:40.479+05:30gehan chitan bhari abhvyakti,sunder visleshan kiya...gehan chitan bhari abhvyakti,sunder visleshan kiya hai....Roshihttps://www.blogger.com/profile/18372159823117732748noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-522413477876841532011-05-15T18:56:51.962+05:302011-05-15T18:56:51.962+05:30कविता रावत has left a new comment on your post &qu...कविता रावत has left a new comment on your post "रामजन्म - आध्यात्मिक चिंतन -२": <br /><br />.....राम चरित्र की सार्थक, विस्तृत और सुन्दर व्याख्या के लिए आपका आभार. <br /><br />Posted by कविता रावत to मनसा वाचा कर्मणा at May 12, 2011 6:26 PMRakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-55554699644669464882011-05-12T18:26:23.106+05:302011-05-12T18:26:23.106+05:30.....राम चरित्र की सार्थक, विस्तृत और सुन्दर व्याख........राम चरित्र की सार्थक, विस्तृत और सुन्दर व्याख्या के लिए आपका आभार.कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-304034396197943882011-05-05T19:52:32.921+05:302011-05-05T19:52:32.921+05:30humari sanskarti humari pahachaanhumari sanskarti humari pahachaanOM KASHYAPhttps://www.blogger.com/profile/13225289065865176610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-74698126738390428192011-05-05T19:51:55.802+05:302011-05-05T19:51:55.802+05:30sir ji namskar
aapke blog par aana accha laga
yaha...sir ji namskar<br />aapke blog par aana accha laga<br />yaha se ahut kuch sikhe ko milega aasha karta hooOM KASHYAPhttps://www.blogger.com/profile/13225289065865176610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-86294975246066590642011-05-05T16:37:44.689+05:302011-05-05T16:37:44.689+05:30RAKESHJI.
main ab tak kyo vanchit rahaa aapke blo...RAKESHJI.<br /><br />main ab tak kyo vanchit rahaa aapke blog par aane se? magar der aaye durust aaye...<br />abhi dherya aur itminaan se padhhungaa...अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-21616239200194812902011-05-05T15:28:34.448+05:302011-05-05T15:28:34.448+05:30इसे पढने से कई जानकारी मिली। बहुत बढियाइसे पढने से कई जानकारी मिली। बहुत बढियामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-61814111955851223332011-05-05T13:52:13.061+05:302011-05-05T13:52:13.061+05:30राकेश कुमार जी नमस्कार ..सबसे पहले मैं बहुत आभारी ...राकेश कुमार जी नमस्कार ..सबसे पहले मैं बहुत आभारी हूँ आपने मेरी कविता इतनी पसंद की |उससे भी ज्यादा आभार कि आपने अपने ब्लॉग पर आमंत्रित किया जिसकी वजह से ये ज्ञान का अपार भण्डार मुझे मिला ..!!राम जन्म और आपकी चरों युगों की व्याख्या बहुत अच्छी लगी |यहाँ आना सफल हुआ |Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-23821753307507792402011-05-05T11:39:28.077+05:302011-05-05T11:39:28.077+05:30मैं कुछ ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए आपके ब्लॉग ...मैं कुछ ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए आपके ब्लॉग पर नहीं आ सकी! काफी दिनों के बाद आपके ब्लॉग पर आकर बहुत अच्छा लगा! बहुत सुन्दर और उम्दा लेख प्रस्तुत किया है आपने जो प्रशंग्सनीय है! <br />मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है-<br />http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.comUrmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-29748025039921177012011-05-05T08:39:16.436+05:302011-05-05T08:39:16.436+05:30sarthak chintan... achha laga apke blog par aakar ...sarthak chintan... achha laga apke blog par aakar ..........aabhar mera blog padhneka ...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-60234704544477067312011-05-05T08:34:17.819+05:302011-05-05T08:34:17.819+05:30आदरणीय गुरु जी नमस्ते!
बहुत बहुत धन्यवाद आपकाआदरणीय गुरु जी नमस्ते! <br />बहुत बहुत धन्यवाद आपकामदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-61942894374259728952011-05-04T14:10:52.514+05:302011-05-04T14:10:52.514+05:30आपका ब्लॉग तो राममय है...........यहाँ सार्थक राम च...आपका ब्लॉग तो राममय है...........यहाँ सार्थक राम चर्चा है......पढ़ कर अच्छा लगाNidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-47419310526897415992011-05-04T10:52:25.050+05:302011-05-04T10:52:25.050+05:30प्रतीक्षा है...प्रतीक्षा है...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-73972017398830774672011-05-03T23:07:59.787+05:302011-05-03T23:07:59.787+05:30राकेश जी धार्मिक और अध्यात्मिक बातो में ज्यादा रूच...राकेश जी धार्मिक और अध्यात्मिक बातो में ज्यादा रूचि तो नहीं है इसी कारण गहरे अर्थो को समझ पाना मेरे लिए थोडा मुश्किल है किन्तु फिर भी आप की सरल भाषा में कही गई बात अच्छी लगी |<br /><br /> वैसे मेरी म्याऊ और भो की बात खास मतलब से थी जिसे खुशदीप जी ने समझ लिया होगा |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-29162867426223215822011-05-03T12:38:50.670+05:302011-05-03T12:38:50.670+05:30राकेश जी ... ये मेरा अह्ोभाग्य है की खुश्दीप जी के...राकेश जी ... ये मेरा अह्ोभाग्य है की खुश्दीप जी के माध्यम से आपसे परिचय हुवा और मेरा सौभाग्य देखिए आपने मेरा सम्मान लिए जो की मेरे लिए बहुत ही सम्मान की बात है .... रामजन्म को लेकर जी टी वी पर ये कार्यक्रम मैने देखा था ... और उसकी पूरी पूरी याद है मेरे मन में ... पता नही कैसे आपका ब्लॉग छूटा हुवा था मेरे से ... चलिए देर आए दुरुस्त आए ... भविष्य में आपकी ज्ञान वर्धक पोस्ट पढ़ने को मिलेंगी ऐसी आशा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-91720360647603294772011-05-03T10:51:09.999+05:302011-05-03T10:51:09.999+05:30I totally agree with Nidhi. Also, it is said that ...I totally agree with Nidhi. Also, it is said that the inspirer for Goswami Tulsidas was his wife who showed him the path of bhakti with Ram.xxxhttps://www.blogger.com/profile/10976362399255461152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-74299909692090183892011-05-03T09:04:40.386+05:302011-05-03T09:04:40.386+05:30जैसा की मैंने उपरोक्त टिप्पिनियों में पढ़ा, राकेश ...जैसा की मैंने उपरोक्त टिप्पिनियों में पढ़ा, राकेश जी की बातों से निम्नलिखित बातें बिलकुल स्पष्ट हैं-<br /><br />१) "ढोल गंवार.." की बात यहाँ इस लेख पर करना उचित नहीं लगता क्योंकि यह लेख के मूल विषय से हटकर है<br /><br />२) इस बात को तुलसीदास जी ने समुद्र के द्वारा कहलाई है इसलिये इसको नीति वचन मानकर विवाद करना भी उचित नहीं...गौर करिएँ की यह बात समुद्र की जड़ता का भी सूचक हो सकता है<br /> <br />३) "ढोल गंवार शुद्र पशु नारी" में "पशु नारी" की जो विवेचना की गई है उससे स्पष्ट है की "पशु नारी" ऐसी नारी है जिसमे पशुता हो यानि "prominent animal instincts & characteristics" (जैसे हिंसा, कठोरता, अश्लीलता, आलस्य, प्रमाद, किसी भी रिश्ते की कद्र ना करना आदि) और नारी के सुलभ गुण (जैसे की कोमलता, दया, करुणा, ममता, वात्सल्य आदि से वंचित और शून्य होना).क्या इस प्रकार की नारी को ताडना अर्थात विशेष रूप से समझाने की आवश्यकता नहीं है?<br /><br />४) "ताडना" का अर्थ केवल मार-पीट करना ही लगाया जाये ऐसा उचित नहीं है कभी कभी बच्चों को भी समझाने के लिए उन्हें ताडना दी जाती है, डांटा भी जाता है.<br /><br />५) "साम दाम दंड भेद" की नीति में दंड अर्थात ताडना भी एक नीति मानी गई है<br /><br />६) नारी शब्द शास्त्रों में ऐसे व्यक्ति के लिए भी प्रयोग किया गया है जिसमे चंचलता की अधिकता हो फिर चाहे वो पुरुष हो या स्त्री. और तुलसीदास जी ने रामायण में प्रतीकात्मक शब्दों (Metaphors & Similes) का बहुतायत में सहारा लिया है<br /><br />७) विद्वानों के शोधानुसार तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना में २५० ग्रंथो से अधिक का अध्ययन किया है जिसमे की चारों वेद उपनिषद वाल्मीकि रामायण आदि शामिल हैं.<br /><br />८) तुलसीदास जी ने भी मानस के शुरू में ही स्पष्ट किया है की जो कुछ भी वो लिख रहें हैं वो प्राचीन ग्रंथो और अपने गुरु की वाणी के आधार पर है. यदि कोई कमी या गल्ती रह गई हो उसके लिए क्षमा भी मांगी है<br /><br />९) जहाँ तुलसीदास जी की अनेक बातों से हमें शिक्षा मिलती हो तो केवल दृष्टिभ्रम के कारण,या अन्य किसी कारण से कोई बात यदि विरोधाभासी लगती है तो उसको छोड़ा जा सकता है. जगत में ऐसा कोई नहीं है जिसकी सम्पूर्ण बातों से सभी सहमत हों<br /><br />१०)अंत में "साधू ऐसा चाहिये जैसा सूप सहाय,सार सार को गहि लये थोथा देय उडाय"Nidhihttps://www.blogger.com/profile/12486849434824222757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-48151520931316954472011-05-03T07:22:46.490+05:302011-05-03T07:22:46.490+05:30ढोल , पशु , स्त्री ताड़ना के अधिकारी हैं , ऐसा तु...ढोल , पशु , स्त्री ताड़ना के अधिकारी हैं , ऐसा तुलसीदास जी ने नहीं लिखा है । यह पंक्ति बाद के टिप्पणीकार द्वारा जोड़ी गयी है । ऐसा मैंने कहीं पढ़ा है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-88085567004307077812011-05-03T02:01:01.466+05:302011-05-03T02:01:01.466+05:30'सत्-चित-आनंद' प्राप्त करने भाव ही आत्मा क...'सत्-चित-आनंद' प्राप्त करने भाव ही आत्मा का जीवन लक्षय है।<br /><br />इस प्रकार सद्भाव विवेचना सद्गुण प्रेरक और गुणग्राहक बनती है। 'सत्-चित-आनंद' का सौम्य चिंतन प्रदान करने का आभार!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-16726404832278435592011-05-03T00:50:08.539+05:302011-05-03T00:50:08.539+05:30आदरणीय राकेश कुमार जी नमस्ते! बहुत अच्छा ज्ञान दि...आदरणीय राकेश कुमार जी नमस्ते! बहुत अच्छा ज्ञान दिया है आपने लेकिन ढोल पशु नारी वाली आपकी बात से मै भी सहमत नहीं हूँ अगर समझाना है तो प्यार से समझाइए फालतू में ताड़ना क्यूँ ? क्या इस लिए की ये सबसे निर्बल हैं ? कृपया तुलसी दास के गलत बातों का आप समर्थन न करें मुझे तो तुलसीदास की अपेक्षा आपकी बातें अधिक ज्ञान युक्त तथा विज्ञानं का समर्थन करती लगती हैं मै मदन जी के सवालों से पूरी तरह सहमत हूँ मेरे ब्लॉग पर आके मेरा उत्साह बढाने के लिए आपका आभार कृपया ऐसा ही प्रेम बनाये रखिये ये भी मेरे लिए पुरस्कार ही है कृपया बहुत देर से आपके पास आने के लिए माफ़ कीजिये कम्प्यूटर पर हिंदी में लिखना भी बहुत मुश्किल काम है नाकों चने चबाना पड़ता हैpoonamsinghhttps://www.blogger.com/profile/17923162833371868671noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-86113292798253356482011-05-02T10:28:32.337+05:302011-05-02T10:28:32.337+05:30राम चरित्र की व्याख्या प्रस्तुति से बहुत कुछ नया प...राम चरित्र की व्याख्या प्रस्तुति से बहुत कुछ नया पता चला विशेष रूप से 'पशु नारी' के बारे में और यही होना भी चाहिए.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1656329921289531877.post-53568473360506426762011-05-01T22:55:28.087+05:302011-05-01T22:55:28.087+05:30आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत...आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.<br /> मेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें<br />दिनेश पारीक <br />http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/<br />http://vangaydinesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_26.htmlDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.com