यज्ञ दान तप: कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्
यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्
यज्ञ,दान और तपरूप कर्म त्याग करने के योग्य नहीं हैं,बल्कि वह तो अवश्य कर्तव्य हैं.क्यूंकि यज्ञ,दान और तप - ये तीनों ही कर्म बुद्धिमान पुरुषों को पवित्र करनेवाले हैं.
उपरोक्त श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय १८ का पांचवां श्लोक है.जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपना निश्चय किया हुआ उत्तम मत प्रकट किया है कि 'यज्ञ ,दान और तपरूप कर्मों को तथा और भी सम्पूर्ण कर्मों को आसक्ति और फलों का त्याग करते हुए अवश्य ही करना चाहिये'. इस श्लोक पर यदि चिंतन किया जाए तो हम पायेंगें कि यह हमारे सम्पूर्ण जीवन के लिए मूल मन्त्र है.
'तप' का अर्थ उन बातों को सीखते (Learn) रहना है जो हमें जीवन में स्थाई (permanent)चेतन आनंद यानि ईश्वर प्राप्ति की ओर अग्रसर करती रहें.तप करने में शरीर,मन ,बुद्धि,वाणी,कर्म सभी को सदा साधते रहना पड़ता है.इसलिए जीवन के हर स्तर पर सीखने के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है.अस्थाई (temporary) आनंद के लिए किया गया तप निरर्थक और क्लेश मात्र ही है.ब्लॉग्गिंग में सार्थक पोस्ट और टिपण्णी लिखने का प्रयास एक सुन्दर तप ही है.
'यज्ञ' का अर्थ सीखे हुए को पूर्ण मनोयोग से आनंदपूर्वक करते रहना ( execute smoothly) है.यदि हम ऐसा नहीं करेंगें तो हमने जो सीखा उसे शीघ्र भुला देंगें.यज्ञ करते रहने से आनंद की वृष्टि होती है जिससे सर्वत्र पोषण होता है.इसलिए यज्ञ की भी हमेशा ही आवश्यकता है.श्रीमद्भगवद्गीता में अनेक प्रकार के यज्ञ बतलाये गए हैं .यथा 'द्रव्य यज्ञ, स्वाध्याय यज्ञ,जपयज्ञ ,ज्ञान यज्ञ आदि आदि.जिनमें 'ज्ञान यज्ञ' सर्वश्रेष्ठ यज्ञ और जप यज्ञ को भगवान ने अपना स्वरुप ही बतलाया है.ब्लॉग जगत में 'ज्ञान यज्ञ' किया जाना अभीष्ठ और श्रेष्ठ प्रयास है.
'तप' और 'यज्ञ' करते रहने से ज्ञान और अनुभव अर्जित होता जाता है.यदि अर्जित ज्ञान और अनुभव का वितरण (distribution)/दान न हो तो यह निरर्थक रह सकता है .इसलिए ज्ञान और अनुभव को सुयोग्य पात्र
को 'दान' करने की भी परम आवश्यकता है.यह सुयोग्य पात्र एक 'learner' या तपस्वी होता है. अपने अपने ज्ञान और अनुभव का ब्लॉग जगत में अपनी पोस्टों और टिप्पणियों के माध्यम से वितरण किया जाए तो
यह जिज्ञासु जन/learners के लिए सुन्दर दान है.
मैंने अपने ब्लॉग का नाम 'मनसा वाचा कर्मणा' इसी उद्देश्य से रक्खा है कि मन से,वाणी से और कर्म
से मैं आप सभी सुधिजनों के साथ सदा सीखने के लिए चेष्टारत रह सकूँ.माह फरवरी २०११ में मैंने अपनी
पहली पोस्ट 'ब्लॉग जगत में मेरा पदार्पण' लिखी थी.दूसरी पोस्ट 'जीवन की सफलता अपराध बोध से मुक्ति',तीसरी 'मन ही मुक्ति का द्वार है' ,चौथी 'मो को कहाँ ढूंढता रे बन्दे'.
फिर मार्च २०११ में 'मुद मंगलमय संत समाजू',' ऐसी वाणी बोलिए' और 'बिनु सत्संग बिबेक न होई' लिखीं.
अप्रैल में 'वंदे वाणी विनायकौ','रामजन्म -आध्यात्मिक चिंतन-१' व
'रामजन्म-आध्यात्मिक चिंतन-२'.
मई २०११ में 'रामजन्म-आध्यात्मिक चिंतन-३' व 'रामजन्म- आध्यात्मिक चिंतन-४',
जून,जुलाई, अगस्त,सितम्बर और अक्टूबर २०११ में 'सीता जन्म -आध्यात्मिक चिंतन-१'
'सीता जन्म -आध्यात्मिक चिंतन-२','सीता जन्म-आध्यात्मिक चिंतन-३',
'सीता जन्म -आध्यात्मिक चिंतन-४' व 'सीता जन्म आध्यात्मिक चिंतन-५'
माह नवम्बर और दिसम्बर २०११ में 'हनुमान लीला -भाग १' और 'हनुमान लीला -भाग २' लिखीं.
और माह जनवरी २०१२ में ब्लॉग्गिंग में एक वर्ष पूर्ण करने से पूर्व 'हनुमान लीला भाग-३' लिखी.
इस प्रकार कुल २० पोस्ट ही मेरे द्वारा लिखीं गयीं जिन पर आप सुधिजनों ने अपने सुवचनों का
अनुपम 'दान' और भरपूर सहयोग मुझे दिया है.यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष और उत्साह की बात है
कि मैं आपका कृपा पात्र बन सका.इसके लिए मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूँ और सदा ही रहूँगा.
मैं यह भी आग्रह करूँगा कि जिन सुधिजनों की उपरोक्त पोस्ट में से कोई पोस्ट पढ़ने से रह गयीं हों तो
वे एक बार उस पोस्ट को पढकर अपने सुविचार प्रकट अवश्य करें.
मैं सदा प्रयासरत रहना चाहूँगा कि आप सभी के साथ सत्संग के माध्यम से एक दुसरे से सीखना जारी रहे
और 'तप', यज्ञ' और 'दान' के माध्यम से हम अपने अपने जीवन को सुखमय,आनन्दित व पावनमय बनाने
में भगवान कृष्ण के उपरोक्त उत्तम मत को अपने हृदय में धारण कर सकें. आप अपना अमूल्य समय
निकाल कर मेरे ब्लॉग पर आते हैं,और सुन्दर टिपण्णी से मेरे प्रयास को यज्ञ का स्वरुप प्रदान करते हैं
इससे आनंद की वृष्टि होती है.मैं भी आपके ब्लोग्स पर जाकर टिपण्णी करने का यथा संभव प्रयास
करता हूँ.सभी सुधिजनों की सभी पोस्ट पर नहीं जा पाता हूँ,इसका मुझे खेद है. डेश बोर्ड पर भी आपकी
पोस्ट बहुत बार चूक जातीं हैं.सभी से अनुरोध है कि आप अपनी पोस्ट की सुचना मेरे ब्लॉग पर अपनी
टिपण्णी के साथ भी दें तो आसानी रहेगी.मैं भी अपनी पोस्ट की सूचना आपके ब्लॉग पर अक्सर दे देता हूँ.
यदि सूचना के बाबजूद नियमित पाठक नहीं आतें हैं तो मुझे चिंता और निराशा होती है.चिंता उनके
कुशल मंगल के विषय में जानने की व निराशा उनके अनमने या नाराज होने की.यदि मेरी किसी भी बात से
आपको नाराजगी हुई हो तो इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ.अपनी नाराजगी यदि आप मुझे बताएं तो मैं
उसको यथा संभव दूर करने का प्रयत्न करूँगा.परन्तु,आपका अकारण नाराज होना और अनुपस्थित रहना
मुझे व्यथित करता है.मैं आप सभी को यह भी बतलाना चाहूँगा कि इंटरनेट और कंप्यूटर की मुझे
अति अल्प जानकारी है.इस सम्बन्ध में मुझे समय समय पर 'खुशदीप भाई' 'केवल राम जी','शिल्पा बहिन' और 'वंदना जी का सहयोग मिलता रहा है.इसके लिए मैं उनका हृदय से आभारी हूँ.
ब्लॉग जगत में हम सब का सकारात्मक मिलन परम सौभाग्य की बात है. पोस्ट,टिपण्णी व प्रति टिपण्णी
द्वारा ही सुन्दर 'वाद' की सृष्टि होती है ,जो 'परमात्मा' अर्थात 'सत्-चित -आनंद' की एक उत्तम विभूति ही है.
ब्लॉग्गिंग की प्रथम वर्ष गाँठ पर 'मेरी बात' पढ़ने के लिए आप सभी का पुनः बहुत बहुत हार्दिक आभार
और धन्यवाद.
आज ही मेरे बेटे पारस का पच्चीसवां जन्म दिवस भी है.
जय जय जय हनुमान गुसाईं, कृपा करो गुरु देव की नाईं
अगली पोस्ट भी मैं 'हनुमान लीला' पर ही जारी रखना चाहूँगा.
आप सभी की कृपा और आशीर्वाद का सैदेव आकांक्षी
राकेश कुमार.
यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्
यज्ञ,दान और तपरूप कर्म त्याग करने के योग्य नहीं हैं,बल्कि वह तो अवश्य कर्तव्य हैं.क्यूंकि यज्ञ,दान और तप - ये तीनों ही कर्म बुद्धिमान पुरुषों को पवित्र करनेवाले हैं.
उपरोक्त श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय १८ का पांचवां श्लोक है.जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपना निश्चय किया हुआ उत्तम मत प्रकट किया है कि 'यज्ञ ,दान और तपरूप कर्मों को तथा और भी सम्पूर्ण कर्मों को आसक्ति और फलों का त्याग करते हुए अवश्य ही करना चाहिये'. इस श्लोक पर यदि चिंतन किया जाए तो हम पायेंगें कि यह हमारे सम्पूर्ण जीवन के लिए मूल मन्त्र है.
'तप' का अर्थ उन बातों को सीखते (Learn) रहना है जो हमें जीवन में स्थाई (permanent)चेतन आनंद यानि ईश्वर प्राप्ति की ओर अग्रसर करती रहें.तप करने में शरीर,मन ,बुद्धि,वाणी,कर्म सभी को सदा साधते रहना पड़ता है.इसलिए जीवन के हर स्तर पर सीखने के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है.अस्थाई (temporary) आनंद के लिए किया गया तप निरर्थक और क्लेश मात्र ही है.ब्लॉग्गिंग में सार्थक पोस्ट और टिपण्णी लिखने का प्रयास एक सुन्दर तप ही है.
'यज्ञ' का अर्थ सीखे हुए को पूर्ण मनोयोग से आनंदपूर्वक करते रहना ( execute smoothly) है.यदि हम ऐसा नहीं करेंगें तो हमने जो सीखा उसे शीघ्र भुला देंगें.यज्ञ करते रहने से आनंद की वृष्टि होती है जिससे सर्वत्र पोषण होता है.इसलिए यज्ञ की भी हमेशा ही आवश्यकता है.श्रीमद्भगवद्गीता में अनेक प्रकार के यज्ञ बतलाये गए हैं .यथा 'द्रव्य यज्ञ, स्वाध्याय यज्ञ,जपयज्ञ ,ज्ञान यज्ञ आदि आदि.जिनमें 'ज्ञान यज्ञ' सर्वश्रेष्ठ यज्ञ और जप यज्ञ को भगवान ने अपना स्वरुप ही बतलाया है.ब्लॉग जगत में 'ज्ञान यज्ञ' किया जाना अभीष्ठ और श्रेष्ठ प्रयास है.
'तप' और 'यज्ञ' करते रहने से ज्ञान और अनुभव अर्जित होता जाता है.यदि अर्जित ज्ञान और अनुभव का वितरण (distribution)/दान न हो तो यह निरर्थक रह सकता है .इसलिए ज्ञान और अनुभव को सुयोग्य पात्र
को 'दान' करने की भी परम आवश्यकता है.यह सुयोग्य पात्र एक 'learner' या तपस्वी होता है. अपने अपने ज्ञान और अनुभव का ब्लॉग जगत में अपनी पोस्टों और टिप्पणियों के माध्यम से वितरण किया जाए तो
यह जिज्ञासु जन/learners के लिए सुन्दर दान है.
मैंने अपने ब्लॉग का नाम 'मनसा वाचा कर्मणा' इसी उद्देश्य से रक्खा है कि मन से,वाणी से और कर्म
से मैं आप सभी सुधिजनों के साथ सदा सीखने के लिए चेष्टारत रह सकूँ.माह फरवरी २०११ में मैंने अपनी
पहली पोस्ट 'ब्लॉग जगत में मेरा पदार्पण' लिखी थी.दूसरी पोस्ट 'जीवन की सफलता अपराध बोध से मुक्ति',तीसरी 'मन ही मुक्ति का द्वार है' ,चौथी 'मो को कहाँ ढूंढता रे बन्दे'.
फिर मार्च २०११ में 'मुद मंगलमय संत समाजू',' ऐसी वाणी बोलिए' और 'बिनु सत्संग बिबेक न होई' लिखीं.
अप्रैल में 'वंदे वाणी विनायकौ','रामजन्म -आध्यात्मिक चिंतन-१' व
'रामजन्म-आध्यात्मिक चिंतन-२'.
मई २०११ में 'रामजन्म-आध्यात्मिक चिंतन-३' व 'रामजन्म- आध्यात्मिक चिंतन-४',
जून,जुलाई, अगस्त,सितम्बर और अक्टूबर २०११ में 'सीता जन्म -आध्यात्मिक चिंतन-१'
'सीता जन्म -आध्यात्मिक चिंतन-२','सीता जन्म-आध्यात्मिक चिंतन-३',
'सीता जन्म -आध्यात्मिक चिंतन-४' व 'सीता जन्म आध्यात्मिक चिंतन-५'
माह नवम्बर और दिसम्बर २०११ में 'हनुमान लीला -भाग १' और 'हनुमान लीला -भाग २' लिखीं.
और माह जनवरी २०१२ में ब्लॉग्गिंग में एक वर्ष पूर्ण करने से पूर्व 'हनुमान लीला भाग-३' लिखी.
इस प्रकार कुल २० पोस्ट ही मेरे द्वारा लिखीं गयीं जिन पर आप सुधिजनों ने अपने सुवचनों का
अनुपम 'दान' और भरपूर सहयोग मुझे दिया है.यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष और उत्साह की बात है
कि मैं आपका कृपा पात्र बन सका.इसके लिए मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूँ और सदा ही रहूँगा.
मैं यह भी आग्रह करूँगा कि जिन सुधिजनों की उपरोक्त पोस्ट में से कोई पोस्ट पढ़ने से रह गयीं हों तो
वे एक बार उस पोस्ट को पढकर अपने सुविचार प्रकट अवश्य करें.
मैं सदा प्रयासरत रहना चाहूँगा कि आप सभी के साथ सत्संग के माध्यम से एक दुसरे से सीखना जारी रहे
और 'तप', यज्ञ' और 'दान' के माध्यम से हम अपने अपने जीवन को सुखमय,आनन्दित व पावनमय बनाने
में भगवान कृष्ण के उपरोक्त उत्तम मत को अपने हृदय में धारण कर सकें. आप अपना अमूल्य समय
निकाल कर मेरे ब्लॉग पर आते हैं,और सुन्दर टिपण्णी से मेरे प्रयास को यज्ञ का स्वरुप प्रदान करते हैं
इससे आनंद की वृष्टि होती है.मैं भी आपके ब्लोग्स पर जाकर टिपण्णी करने का यथा संभव प्रयास
करता हूँ.सभी सुधिजनों की सभी पोस्ट पर नहीं जा पाता हूँ,इसका मुझे खेद है. डेश बोर्ड पर भी आपकी
पोस्ट बहुत बार चूक जातीं हैं.सभी से अनुरोध है कि आप अपनी पोस्ट की सुचना मेरे ब्लॉग पर अपनी
टिपण्णी के साथ भी दें तो आसानी रहेगी.मैं भी अपनी पोस्ट की सूचना आपके ब्लॉग पर अक्सर दे देता हूँ.
यदि सूचना के बाबजूद नियमित पाठक नहीं आतें हैं तो मुझे चिंता और निराशा होती है.चिंता उनके
कुशल मंगल के विषय में जानने की व निराशा उनके अनमने या नाराज होने की.यदि मेरी किसी भी बात से
आपको नाराजगी हुई हो तो इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ.अपनी नाराजगी यदि आप मुझे बताएं तो मैं
उसको यथा संभव दूर करने का प्रयत्न करूँगा.परन्तु,आपका अकारण नाराज होना और अनुपस्थित रहना
मुझे व्यथित करता है.मैं आप सभी को यह भी बतलाना चाहूँगा कि इंटरनेट और कंप्यूटर की मुझे
अति अल्प जानकारी है.इस सम्बन्ध में मुझे समय समय पर 'खुशदीप भाई' 'केवल राम जी','शिल्पा बहिन' और 'वंदना जी का सहयोग मिलता रहा है.इसके लिए मैं उनका हृदय से आभारी हूँ.
ब्लॉग जगत में हम सब का सकारात्मक मिलन परम सौभाग्य की बात है. पोस्ट,टिपण्णी व प्रति टिपण्णी
द्वारा ही सुन्दर 'वाद' की सृष्टि होती है ,जो 'परमात्मा' अर्थात 'सत्-चित -आनंद' की एक उत्तम विभूति ही है.
ब्लॉग्गिंग की प्रथम वर्ष गाँठ पर 'मेरी बात' पढ़ने के लिए आप सभी का पुनः बहुत बहुत हार्दिक आभार
और धन्यवाद.
आज ही मेरे बेटे पारस का पच्चीसवां जन्म दिवस भी है.
जय जय जय हनुमान गुसाईं, कृपा करो गुरु देव की नाईं
अगली पोस्ट भी मैं 'हनुमान लीला' पर ही जारी रखना चाहूँगा.
आप सभी की कृपा और आशीर्वाद का सैदेव आकांक्षी
राकेश कुमार.
आप ऐसे ही लिखते रहने, आपको पढ़ना कई सुप्त द्वारों को खोलने जैसा है...
ReplyDeleteप्रवीण जी,
Deleteआपकी सूक्ष्म और अति सारगर्भित टिप्पणी से सदा अभिभूत हो जाता हूँ मैं.
कृपा और स्नेह बनाए रखियेगा.
अर्थपूर्ण विवेचन , सतत लेखन की शुभकामनायें........ बधाई
ReplyDeleteडॉ.मोनिका जी,
Deleteआप मेरे ब्लॉग पर निरंतर आकर बहुत उत्साहवर्धन करतीं हैं मेरा.
आपकी पोस्ट सुन्दर सारगर्भित होती हैं.
प्यारे प्यारे चैतन्य के तो कहने ही क्या है.
बहुत बहुत आभार जी.
आपके ब्लॉग-जीवन के एक वर्ष की बधाई और आगे के लिए शुभकामनायें !
ReplyDeleteमेरी सलाह तो यही है कि पोस्ट की सूचना आज का ब्लॉगर अपने-आप पा जाता है , इसके लिए निवेदन करना उचित नहीं लगता .आप पढ़ते रहें, लिखते रहें , टीपों की चिंता किये बगैर.
आपका धार्मिक-लेखन कईयों को प्रेरणा देता है. साभार !
संतोष जी,
Deleteआपकी टिपण्णी और शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार.
मुझे आग्रह अनुग्रह करना अच्छा लगता है,जो अपने प्रियजन,
संतजन और सज्जन जनों से ही किया जा सकता है और
यह अवसर और समयानुसार किया भी जाना चाहिए.
हनुमान जी ने 'सुन्दर कांड'में विभीषण जी, जो उनके लिए
बिलकुल अनजान थे पर उनको 'साधू' जान पड़े से मिलते हुए
निम्न निति वचन कहे
'एहि सन हठ करिहू पहिचानि
साधू ते होय न कारज हानि'
सज्जन और साधुजन से अपनी ओर से हठ(initiative)
करके भी पहिचान करनी चाहिये और उनसे आग्रह अनुग्रह
करने में भी मुझे कोई बुराई नहीं दिखती है.
आपकी भावना को प्रणाम !
Delete'जेहि का जेहि पर सत्य सनेहू,सो तेहि मिलत ना कछु संदेहू !'
विचारों का सहज प्रवाह .....रोचक और विचारणीय ......!
ReplyDeleteकेवल राम जी,
Deleteआपका नाम ही एकमात्र 'राम' का स्मरण करवाने के लिए पर्याप्त है.
आपकी ज्ञानवर्धक पोस्ट,सुन्दर भावपूर्ण कवितायेँ,और
गहनता से लिखी गई टिप्पणियों के लिए सदा आभारी रहूँगा मैं.
यहाँ आना बड़ा ही सुखद होता है...
ReplyDeleteनिरंतर यह सुख मिलता रहे यही प्रभु से कामना है.
ब्लागिंग वर्षगांठ की सादर बधाईया...
संजय मिश्रा जी,
Deleteआपकी काव्य प्रतिभा को मेरा सादर नमन.
बहुत अच्छे लगते हैं आपके प्रेरणात्मक सुवचन.
बहुत बहुत आभार जी.
आपका लेखन अत्यंत गूढ़ है ..
ReplyDeleteवर्षगाँठ की बधाई
kalamdaan.blogspot.in
RITU जी,
Deleteआपकी कलमदान का दान अति सुन्दर हो रहा है.
आपका कृपा पात्र बना रहूँ यही अभिलाषा है जी.
आपको पढ़ना कई सुप्त द्वारों को खोलने जैसा है|ब्लॉग-जीवन के वर्षगांठ की बधाई|
ReplyDeletePatali-The-Village जी,
Deleteआपकी सूक्तियां और प्रेरक प्रस्तुतियाँ ब्लॉग जगत
की अनुपम धरोहर हैं.मेरे ब्लॉग पर निरंतर आकर
मेरा उत्साहवर्धन करते रहने के लिए आपका
बहुत बहुत आभार जी.
@यज्ञ,दान और तप - ये तीनों ही कर्म बुद्धिमान पुरुषों को पवित्र करनेवाले हैं.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर! "मनसावाचा कर्मणा" के साथ-साथ पारस को भी जन्मदिन पर अनंत शुभकामनायें! आप यूँ ही मधुर भक्तिरस बिखेरते रहिये! आभार!
Smart Indian - स्मार्ट इंडियन जी,
Deleteआपका राम पुरिया मुझे हमेशा याद रहेगा.
ताऊ श्री के ब्लॉग से आपको जाना पर
बहुत दिनों से उनका कोई समाचार नहीं.
कुछ समाचार दीजियेगा उनके बारे में.
अमेरिका में रहकर भी आप हिंदी ब्लॉग जगत
को अभूतपूर्व योगदान प्रदान कर रहे हें आप.
तहेदिल से शुक्रिया आपका.
आपकी 'मेरी बात' का विस्तार समष्टिगत है अर्थात सबकी बात आपने सुन्दरता से कहा है इसके लिए हार्दिक आभार. आयुष्मान पारस को हार्दिक बधाईयाँ.. सच ! ब्लॉग-वाद सत-चित-आनंद का पर्याय है.. आभार..
ReplyDeleteअमृता तन्मय जी,
Deleteक्या कहूँ आपके लिए मैं?
आपकी प्रस्तुतियों और गहन सारगर्भित टिप्पणियों
से तो मैं बस तन्मय हो जाता हूँ.आपकी अमृतमय
निश्छल सोच का मैं कायल हूँ.आपके हृदय से निकले
शब्द मेरे दिल और दिमाग में गूंजते रहते हैं.
"मनसावाचा कर्मणा" के साथ-साथ पारस को भी जन्मदिन पर अनंत शुभकामनायें! आप यूँ ही मधुर भक्तिरस बिखेरते रहिये! आभार! यहाँ आना बड़ा ही सुखद होता है|
ReplyDeletesangita ji,
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर आना बहुत अच्छा लगता है.
आपका भक्तिमय होना ही मेरी पोस्ट को सार्थकता
प्रदान करता है.
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का हृदय से आभारी हूँ.
कृपया,आना जाना बनाये रखियेगा.
आप सब के दुःख-हरता ब्लोगर है .....
ReplyDeleteआप की उपलब्दी पर बहुत-बहुत मुबारक हो आपको !
यार चाचू,
Deleteमेरी क्या मजाल है.
सब आपकी कृपा और आशीर्वाद ही है.
आपको यहाँ देख कर दिल प्रसन्न हो जाता है.
आपकी 'यादें...'भावविभोर कर देती हैं.
ब्लॉग्गिंग की प्रथम वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई.. परस को जन्मदिन की शुभकामना...
ReplyDeleteअरुण जी,
Deleteआपका 'सरोकार'खूबसूरत और लाजबाब है.
आपकी प्रस्तुतियाँ गहन संवेदनशील होती हैं.
मेरे ब्लॉग से जो सुन्दर सरोकार आपने बनाया है,
उसपर मैं अभिभूत हूँ.
'Meri Baat' ki varshgaat par bahut bahut badaiyan Rakesh Kumar ji... Many thanks for the exemplary work that you are doing, hum sab ke liye ek prerna ka srot hai apke vachan. Hum sache dil se yehi dua karte hai ki apki baatein yunhi chalti rahein aur humein un satsango me shamil hone ka punya aur anaand sada milta rahein.. Best wishes for a long long journey ahead to you Sir :)
ReplyDeleteआरती ...जी (आपने जी लगाने की अनुमति मुझे दी हुई है)
Deleteआपको अपने ब्लॉग पर देख कर मेरा दिल आरती करने लगता है.
आप अपनी तीर्थ यात्रा वृतांतों से ब्लॉग जगत को जगमगा रहीं हैं.
आपके अनुपम 'यज्ञ' और 'दान' को सादर नमन.
ब्लॉग के एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई ...पूरे वर्ष सारगर्भित लेख पढ़ने को मिले ... आभार
ReplyDeleteआदरणीय संगीता जी,
Deleteआपके दर्शन और सुवचनो से मेरा ब्लॉग निहाल हो जाता है.
आपकी कृपा और आशीर्वचनो का सैदेव आकांक्षी हूँ और रहूँगा.
ब्लॉग जगत में आप जैसी महान विभूति को मेरा शत शत नमन.
आप तो मनसा वाचा कर्मणा जप, तप और दान मे लगे हैं तो कैसे ना सफ़ल होते………………आपको ब्लोगिंग की प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक बधाई ………आप इसी तरह लिखते रहें और हमारा ज्ञान बढाते रहें यही हमारी सबसे बडी उपलब्धि होगी……………पारस को जन्मदिन की हार्दिक अनन्त शुभकामनायें।
ReplyDeleteवंदना जी,
Deleteआपकी कृष्ण लीला की हर कड़ी वन्दनीय है.
पढकर भक्ति रस से सराबोर हो जाता हूँ.
आपका यह दान 'सर्वोत्तम'है.
मनसा वाचा कर्मणा से हृदयंगम करने के लिए श्रेष्ठ और अनुकरणीय.
आपके अनुपम 'एक प्रयास' को सादर नमन.
आपके आने से मेरा ब्लॉग धन्य हो जाता है.
एक वर्ष पूरा होने पर बधाई एवं पारस को भी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...
ReplyDeletePallavi जी,
Deleteआपका सुलेखन सुन्दर सार्थक और
अच्छे भावों को पल्लवित कर रहा है.
मेरे ब्लॉग पर आपके आते रहने का
हृदय से आभारी हूँ मैं.
'तप' और 'यज्ञ' करते रहने से ज्ञान और अनुभव अर्जित होता जाता है.यदि अर्जित ज्ञान और अनुभव का वितरण (distribution)/दान न हो तो यह निरर्थक रह सकता है,bahut achcha lga ye jankr ki aaj blog jgt me aapka sal pura hua aur pars bete ka janamdin bhi hai bahut -bahut badhai n shubhkamna mere blog pr aapka aapka intjar rhega murge-murgi ke vyatha ka aanand lijiye aabhar achchi baten btlane ke liye .
ReplyDeleteDr.NISHA MAHARANA जी
Deleteआपकी मुर्गा मुर्गी की व्यथा पढ़ी.
उसपर मैंने कुछ तुकबंदी भी जड़ी.
बताईयेगा आपको कैसी लगी.
मेरे ब्लॉग से आपके प्रेम और स्नेह के लिए आभारी हूँ मैं.
बधाईयाँ ब्लागिंग व पारस के जन्म दिन की ,नवीन सोपान का वरण नयी स्फूर्ति ,सदासयता, स्नेह का वाहक बने बहुत-२ शुभकामनायें व प्यार .....
ReplyDeleteउदय वीर जी,
Deleteआपका उन्नयन ब्लॉग, ब्लॉग जगत का अनुपम हीरा ही है.
आपके निश्छल हृदय से निकला हर शब्द आद्वित्य जगमगाहट
कर रहा है.आपकी शुभकामनाएँ और प्यार मेरे पथ प्रदर्शक का
कार्य कर रहीं हैं.
बहुत बहुत आभारी हूँ आपका.
दोहरी बधाइयाँ :)
ReplyDeleteअगली पोस्ट का इंतजार है भैया |
शिल्पा बहिना,
Deleteआपकी बधाई तो स्वीकार है.
पर आपके शब्दों की शिल्पकारी
से क्यूँ वंचित हूँ मैं.मुझे आपकी
सुन्दर शिल्पकारी युक्त टिपण्णी का
इन्तजार रहता है.केवल बधाई और
मुस्कराहट देकर ही काम न चलाईयेगा जी.
'रेत के महल' और 'निरामिष'पर आपके अनुपम
शिल्प के कौशल से बहुत प्रसन्नता मिलती है.
बहुत बहुत स्नेह और प्यार आपको.
बहुत बढ़िया लेखन...
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को और चि.पारस को वर्षगाँठ की अनेकों शुभकामनाएँ..
बहुत बधाई..
vidya जी,
Delete'i write' पर जाकर बहुत अच्छा लगता है.
मेरे लेखन को आपने बढ़िया बताया यह मेरा सौभाग्य है.
आपके सुन्दर लेखन के लिए मेरी बधाई भी स्वीकार कीजियेगा.
राकेश जी.....
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई ब्लॉग की दुनिया में आपकी पहली वर्षगाँठ की...
साथ ही आपके पुत्र को उनकी पचासवीं वर्षगाँठ की भी....!!
आपके ब्लॉग पर आना किसी तीर्थस्थल पर जाने के समान होता है...!
आपका सहयोग यूँ ही बना रहे ...ये हम सभी के लिए सौभाग्य की बात होगी..!
ये मेरी ही कमजोरी रहती है जो मैं समय समय पर आपकी अदालत से गैरहाजिर
हो जाती हूँ.....लेकिन जब भी आती हूँ सारा पिछला पूरा करने में लगी रहती हूँ... !!
आशा है कि आप नादान समझ कर माफ़ कर देंगे...!!
***Punam***जी,
Deleteआपकी बातें बहुत निराली होतीं हैं.
आपके 'तुम्हारे लिए..' और 'bas yun..hi..' ब्लोग्स
पर गजब की भावमय प्रस्तुतियां पढ़ने को मिलतीं हैं.
आपके आने से पूनम का प्रकाश हो जाता है.
हर बार आप अपने शब्दों से मोहित कर देतीं हैं.
मुझे आप से अनुग्रह विनय किये बैगर रहा नहीं जाता.
आप यहाँ आ गयीं,मेरा अहोभाग्य है यह.
यहां जब भी आया हूं, ज्ञान की बातें पढ़ने को मिली है।
ReplyDeleteएक साल पूरे होने की बधाई।
बच्चे को आशीष!
आदरणीय मनोज जी,
Deleteआप हर बार आकर मेरा उत्साह बढ़ा जाते हैं.
आपकी कृपा और आशीर्वाद का मैं सैदेव आकांक्षी हूँ.
आपकी 'गांधी जी' के जीवन के बारे में की गयी
प्रस्तुतियाँ ब्लॉग जगत की अनमोल धरोहर है.
बहुत बहुत आभार आपका.
blog ki duniya mein aapki pahli varshgaanth par badhai. putra ko saalgirah mubarak ho. aapke post par aana sadaiv achchha lagta hai. kai baar samayabhaav se kuchh post chhut jaati hai, kshama praarthi hun. aapke daarshanik lekh ka intzaar rahega. shubhkaamnaayen.
ReplyDeleteडॉ. जेन्नी शबनम जी,
Delete'लम्हों के सफर' पर आपकी भावाभिव्यक्तियाँ पढकर
मैं मग्न हो जाता हूँ.आपकी दी हुई शुभकामनाएँ मेरे लिए
अनमोल हैं.आपके दर्शन से मेरा ब्लॉग धन्य हो जाता है.
ब्लाग लेखन का एक वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
ReplyDeletemahendra verma जी,
Deleteआपके 'शाश्वत शिल्प' पर जाकर बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
आप मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा उत्साहवर्धन करते हैं,इसके लिए
बहुत बहुत आभार आपका.
निरन्तर एक सम्वत्सर तक हमें भक्तिरस और दर्शनसार उपलब्ध करवाने के लिए अनंत आभार राकेश जी।
ReplyDeleteयह हमारा सौभाग्य है कि आप जैसे सत्संगी पुरूष हमारे मित्रों में शुमार है। आपके सकारात्मक ज्ञानदानन से न केवल हमें तम से ज्योति की तरफ बढ़ता है बल्कि जगतश्रेष्ठ सात्विक और सांस्कृतिक जीवन-मूल्यों के संवर्धन प्रसार का आधार बनता है। आपका यह शुभ-कर्म निश्चित ही मिथ्यात्व जडत्व व अज्ञान को हमसे दूर रखने में सहायक है। अस्थिर आस्थाओं को स्थायित्व प्रदान करने में सहायक होता है।
वर्षगांठ की बधाई किन्तु उत्सव और आनंद का विषय तो हमारा है।
पारस को भी जन्मदिन पर अनंत शुभकामनायें!
सुज्ञ जी,
Deleteआप जिस प्रकार से गहन विश्लेषणात्मक सुन्दर टिपण्णी करके मेरा
उत्साहवर्धन करते हैं,उसके लिए शब्द नहीं हैं मेरे पास कुछ
और कहने के लिए.
आपके ब्लॉग 'सुज्ञ','सुबोध' और 'निरामिष'से जो सीख
मिल रही है वह अविस्मरणीय है.
बहुत बहुत हार्दिक आभार आपका.
अद्वितीय हैं आप .....
ReplyDeleteपारस के जन्मदिन पर आप दोनों को बधाई !
आदरणीय सतीश जी,
Deleteअद्वितीय तो आप है,सर.
मुझमें भी यदि आप ही का प्रतिबिम्ब दर्शित
हो तो यह मेरा सौभाग्य ही है.
'मेरे गीत !' पर आप अनुपम रसमय प्रस्तुतियों का 'दान'
कर रहे हैं.हम सदा कृतार्थ हैं आपके.
पहले तो आपको आपके "लिखने के जन्मदिन" और आपके बेटे पारस का पच्चीसवां जन्म दिवस की बधाई.... :)"मनसावाचा कर्मणा" में शामिल होना अच्छा लगा.... :)
ReplyDeleteजय जय जय हनुमान गुसाईं, कृपा करो गुरु देव की नाईं.... आभार.....
Vibha Rani जी,
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है.
आपके ब्लॉग 'सोच का सृजन 'पर जाकर
बहुत अच्छा लगा.
कृपया,आना जाना बनाये रखियेगा.
आपके पुत्र पारस को ढेर सारी शुभकामनायें !!साथ ही साथ आपके ब्लॉग की वर्षगाँठ पे आपको भी हार्दिक बधाई !!ब्लॉग पे नए -नए विषयों से आप यूँ ही हम सभी को अवगत कराते रहे..यही कामना है.
ReplyDeleteDr.Nidhi Tandon जी.
Deleteआपने मेरा अनुरोध स्वीकार किया और अपना
वादा पूरा किया,इसकी मुझे हार्दिक खुशी है.
'जिंदगीनामा' पर आपके भावपूर्ण फलसफे
मन को मोहते हैं.प्रेमभाव बनाए रखियेगा जी.
bete ke janmdin aur blog ki pahli varshgaanth par badhaiyaa.....ek varsh me aapke blog par itni gyaan ki baate wakai addhbhut hai aap....
ReplyDeleteshagun/sangeeta जी,
Deleteआप मेरे ब्लॉग पर आयीं यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है.
यदि मेरी अन्य पोस्टें भी पढ़ें और उनपर अपने सुविचार प्रस्तुत करें
तो और भी खुशी मिलेगी.
आपके ब्लॉग 'मेरे मन का एक कोना' पर जाकर मुझे बहुत अच्छा लगता है.
आभार.
राकेश जी, आपका ब्लॉग सचमुच ब्लॉग जगत के लिये एक उपहार है...आपकी आस्था और श्रम को नमन ! आपके पुत्र व परिवार के सभी जनों को शुभकामनायें !
ReplyDeleteअनीता जी,
Deleteआपकी कृपा और आशीर्वाद का मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.
आपके ब्लॉग 'डायरी के पन्नों से','श्रद्धा सुमन'
'मन पाए विश्राम जहाँ' ब्लॉग जगत में अध्यात्म की पावन गंगा
प्रवाहित कर रहे हैं.शत शत आभार व नमन.
पहली वर्षगाँठ पर आपको बहुत -बहुत बधाई हो ....मुझे याद हैं हमने एक साथ ही अपना ब्लोगिग सफ़र शुरू किया था ....पर आपकी उच्च कोटि की रचनाए कहाँ से कहाँ पहुँच गई ..यह आपका श्रम ही हैं जिसके कारण आज इतना बड़ा आपका प्रशंसनीय समूह बना हैं ---अपने धार्मिक विचारो के जरिए आपने बहुत कम समय में सबके दिलो में अपनी जगह बना ली हैं ...मुझे बहुत ख़ुशी हैं की आप आगे भी इसी तरह की रचनाए लिखते रहेगे ---धन्यवाद !
ReplyDeleteदर्शी जी,
Deleteआप लेखन में मुझ से बहुत अधिक सिनियर और परिपक्व है.
'मेरे अरमान.. मेरे सपने..' पर आपकी कवितायें,रोचक यात्रा
वृतांत गजब के होते हैं.आप मेरे ब्लॉग से स्नेह रखती हैं,बहुत
अच्छा लगता है.यूँ ही स्नेह और प्रेम बनाये रखियेगा जी.
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteगुरूजी प्रणाम ! वार्षिक अभिनन्दन और एक साथ दो जन्म दिन की बधाई ! मै आपके ब्लॉग पर हमेश आने का प्रयास करता हूँ ! किन्तु ड्यूटी ही ऐसा है ! मेरे ब्लॉग का यु.आर.एल बदल गया है अतः देश बोर्ड पर अपडेट नहीं आते होंगे !मेरे ब्लॉग का नाम--www.gorakhnathbalaji.blogspot.com है
ReplyDeleteG.N.SHAW जी,
Deleteआप मेरे ब्लॉग से बहुत शुरू से जुड़े हैं.आपकी श्रद्धा और
प्रेम के समक्ष मैं सादर नतमस्तक हूँ.आपका BALAJI
ब्लॉग आपके निश्छल हृदय का सुन्दर दर्पण है.
आपका अनुशासन अनुकरणीय है.
bahut bahut badhai . aastha aur shradha ka anutha sangam hai jahan sabhi aasthavan pahuchte hain.
ReplyDeleteडॉ. संध्या तिवारी जी,
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है
आपके ब्लॉग parinda पर आपकी सुन्दर
रचनाओं को पढकर बहुत प्रसन्नता मिलती है.
सुन्दर टिपण्णी के लिए आपका धन्यवाद.
अनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteShanti Garg जी,
Deleteमेरे ब्लॉग पर आप आयीं,अच्छा लगा.
आपके ब्लॉग जीवन विचार ,~विचार बोध~
पर आपका सुलेखन बहुत अच्छा लगता है.
आभार.
Blog ke ek varsh pura karne par badhayi. Aapka blog isi prakar hamlogon ka aadhyatmik margdarshan karta rahe bas yahi kamna hai.
ReplyDeleteगोपाल तिवारी जी,
Deleteआप अपने ब्लॉग से सुन्दर हास्य रस का संचार कर रहे हैं.
मेरे ब्लॉग पर आकर आप मेरा बहुत उत्साहवर्धन करते हैं.
इसके लिए हृदय से आभारी हूँ आपका.
इस ब्लॉग पर आना मन्दिर आने के समान लगता हैं जहाँ मन को शान्ति मिलती है|सभी पोस्ट इतने सारगर्भित होते हैं कि कुछ सीख कर ही जाती हूँ|जब से ब्लॉग जगत में कदम रखा है, सभी पोस्ट पढ़ने की कोशिश करती हूँ|आज भी जिस खूबसूरती से ब्लॉग जगत को यज्ञ,तप और दान से जोड़ दिया यह बहुत अच्छा लगा|
ReplyDeleteपारस और ब्लॉग दोनों को बधाई और शुभकामनाएँ!ईश्वर की अनुकम्पा से दोनों सदा सफलता के मार्ग पर अग्रसर रहें|
ऋता शेखर मधु जी,
Deleteआपकी आध्यात्मिक विषय में रूचि अनुपम है.
आपके ब्लोग्स 'हिन्दी-हाइगा' व 'मधुर गुंजन'पर
आपकी काव्यात्मक प्रस्तुतियाँ लाजबाब होतीं हैं.
आपके अध्यात्म प्रेम को मेरा सादर नमन.
blog pr ak varsh poora karane ke liye apko koti koti badhai ....sundar pravishti ke liye abhar ....
ReplyDeleteNaveen Mani Tripathi जी,
Deleteआप मेरे ब्लॉग पर आते हैं,बहुत अच्छा लगता है.
'तीखी कलम से' आपकी कलम का लेखन
सुखद लगता है.
बहुत बहुत आभार.
बहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteसदा जी,
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद.
आपके ब्लोग्स ब्लॉग जगत की अनमोल निधि हैं.
नई पुरानी हलचल को भी आप बहुत रोचकता से प्रस्तुत करती हैं.
अपना स्नेह बनाये रखियेगा जी.
राकेश जी
ReplyDeleteब्लॉग-जीवन के एक वर्ष की बधाई और शुभकामनायें !
ज्ञान की बातें पढ़ते-पढ़ते पता ही नहीं चला एक साल कब पूरा हो गया
ReplyDeleteब्लॉग की पहली वर्षगाँठ पर आपको बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें !
संजय भास्कर
संजय भास्कर जी,
Deleteआपने ब्लॉग जगत में उच्च स्थान प्राप्त किया हुआ है.
आपकी 'आदत... मुस्कराने की' से सभी के चेहरों पर
मुस्कराहट खिल जाती है.
मेरे ब्लॉग पर आपके आते रहने का मैं हृदय से आभारी हूँ.
ब्लॉग जगत में अर्थ पूर्ण अस्तित्व की पहली वर्षगाँठ पर बधाई. हम अपने आपको भी अनुग्रहीत पाते हैं. आभार.
ReplyDeleteP.N. Subramanian जी,
Deleteआपकी कृपा और आशीर्वाद मुझ पर है
यह मेरे लिए अति हर्ष की बात है.
आपके ब्लॉग 'Malhar'पर रोमांचक
जानकारी पूर्ण विवरण पढ़ने को मिलते हैं.
बहुत बहुत धन्यवाद आपका.
ब्लॉग जगत में एक वर्ष पुरे होने पर
ReplyDeleteहार्दिक बधाई ,,आपकी लेखनी सतत और निरंतर चलती रहे..
और हमारा ज्ञान बढ़ता रहे ....
:-)
Reena Maurya जी.
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर आना मेरा उत्साहवर्धन करता है.
आपके ब्लॉग 'संस्कार कविता संग्रह' पर सुन्दर भावपूर्ण
प्रस्तुतियाँ पढ़ने को मिलती हैं.
आभार.
ऐसी बहुत सी वर्षगाँठें आयेंगे और हम आपके सात्विक विचारों से प्रेरणा लेते रहेंगे।
ReplyDelete’पारस’ के जन्मदिन पर आप सबको बहुत बहुत बधाई।
संजय भाई,
Deleteआपके आने से मेरा ब्लॉग चहक उठता है,दिल खुश हो जाता है.
आपका 'मो सम कौन कुटिल खल ...... ?' का लेखन
और टिपण्णी मस्त मस्त होतीं हैं.
आप 'खल' नहीं ज्ञानी हैं,कुटिल नहीं 'चुटिल' गल करते हैं जी.
इसीलिए मुझे आपको 'तो सम कौन चुटिल गल ज्ञानी' कहना
अच्छा लगता है.
ब्लॉग जगत में आपकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
ReplyDeleteकई महत्त्वपूर्ण 'तकनिकी जानकारियों' सहेजे आज के ब्लॉग बुलेटिन पर आपकी इस पोस्ट को भी लिंक किया गया है, आपसे अनुरोध है कि आप ब्लॉग बुलेटिन पर आए और ब्लॉग जगत पर हमारे प्रयास का विश्लेषण करें...
आज के दौर में जानकारी ही बचाव है - ब्लॉग बुलेटिन
Shah Nawaz जी,
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर आने का बहुत बहुत आभारी हूँ.
आपने मेरी इस पोस्ट को अपने ब्लॉग बुलेटिन में
शामिल किया,इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
ब्लॉग बुलेटिन पर दी गई जानकारी अति महत्वपूर्ण और उपयोगी है.
ब्लॉगिंग की प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक बधाई ………
ReplyDeleteपारस को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनायें...
आदरणीय समीर लाल जी,
Deleteआपसे ४ फरवरी २०११ को मिलने के पश्चात
ही आपकी प्रेरणा से मैं ब्लॉग लेखन में सक्रिय
हो पाया.खुशदीप भाई का मैं हमेशा दिल से शुक्रगुजार
रहूँगा जिन्होंने मुझे आपसे,सर्जना शर्मा जी,
वंदना जी और अन्य प्रबुद्ध ब्लोगर जन से मिलवाया.
आपकी बातें मेरी पोस्ट 'ब्लॉग जगत में मेरा पदार्पण'
से मुझे हमेशा याद आती रहेंगीं.
आपका ब्लॉग लेखन ब्लॉग जगत का अनमोल खजाना है.
मैं सदा आपका आभारी हूँ जी.
राकेश कुमार जी!
ReplyDeleteब्लॉगिंग की वर्षगाँठ पर बहु-बहुत शुभकामनाएँ!
पारस को जन्मदिन की ढेरों बधाइयाँ!
आदरणीय शास्त्री जी,
Deleteआपका आशीर्वाद मेरे लिए अमूल निधि ही है.
आपके अनुपम लेखन और 'चर्चा मंच' से हिंदी ब्लॉग जगत
का सर्वत्र सुन्दर 'उच्चारण' हो रहा है.
आपको मेरा शत शत नमन.
ब्लॉग की वर्षगाँठ की बहुत बधाई ....
ReplyDeleteवाणी गीत जी,
Deleteमेरे ब्लॉग पर आपके आने का हार्दिक आभार.
आपके मधुर मृदुल गीत हृदय को झंकृत कर देते हैं.
अपना स्नेह बनाए रखिएगा जी.
बहुत-बहुत बधाई , शुभकामनाएं
ReplyDeleteहैप्पी बर्थ डे टू यौर ब्लॉग
प्रिय चैतन्य,
Deleteआपको ब्लॉग पर देख कर तबीयत प्रसन्न हो गयी है मेरी.
आपका सुन्दर सलोना चेहरा मेरे ब्लॉग को रोशन कर देता है.
बहुत बहुत प्यार और आशीर्वाद आपको.
ब्लॉग के प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक बधाई । आप यूँ ही ताप , यज्ञ और दान करते हुए मानव हित में कार्य करते रहें ।
ReplyDeleteबेटे के जन्म की सिल्वर जुबली आप सब को बहुत बहुत मुबारक हो ।
आदरणीय डॉ दराल साहिब,
Deleteआपके सुवचन मेरा उत्साह बढानेवाले हैं.
आपकी मेरे ब्लॉग पर उपस्थिति मेरे
लिए गर्व की बात है.'अंतर्मंथन' पर
आपकी जानकारीपूर्ण और चुटीली प्रस्तुतियाँ
ब्लॉग जगत की शान हैं.
'तप' का अर्थ उन बातों को सीखते (Learn) रहना है जो हमें जीवन में स्थाई (permanent)चेतन आनंद यानि ईश्वर प्राप्ति की ओर अग्रसर करती रहें.तप करने में शरीर,मन ,बुद्धि,वाणी,कर्म सभी को सदा साधते रहना पड़ता है.इसलिए जीवन के हर स्तर पर सीखने के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है.अस्थाई (temporary) आनंद के लिए किया गया तप निरर्थक और क्लेश मात्र ही है.ब्लॉग्गिंग में सार्थक पोस्ट और टिपण्णी लिखने का प्रयास एक सुन्दर तप ही है.
ReplyDeleteब्लोगिया वर्ष गांठ और बेटे की पच्चीसवीं साल गिरह मुबारक .आपके लेखन से हर शब्द से आपकी सद्भावना सदाशयता छलकती है .
वीरुभाई जी,
Deleteराम राम भाई.
आपका ब्लॉग मुख से राम नाम का उच्चारण
करवाता हुआ अच्छी सार्थक जानकारीयां भी उपलब्ध करवाता है.
आपकी सुन्दर टिपण्णी बहुत हर्ष प्रदान कर देती है.
आपका आभारी हूँ मैं.
राकेश जी आपके पुत्र चि० पारस की पच्चीसवीं सालगिरह पर ढेरों आशीष.
ReplyDeleteआपके ब्लॉग की पहले साल पूरा करने पर भी शुभकामनायें. पूरे साल आप संस्कार गंगा निरत प्रवाहित करते रहे. इसी प्रकार हमें इस साल भी आधाय्त्मिक ज्ञान गंगा में डुबकी लगाने का मौका देते रहेंगे.
रचना दीक्षित जी,
Deleteआपके निर्मल उदगारों से मैं दीक्षित हो रहा हूँ.
आपके ब्लॉग 'रचना रविन्द्र' पर जाकर सुखद
अनुभूति होती है.
आपका स्नेह और शुभचिंतन मेरे लिए मार्गदर्शक रहेगा.
ब्लॉग जगत में आपने सार्थक लेखन करते हुए वर्षगाँठ मना ली आपका हार्दिक अभिनन्दन और ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनायें ! आपके लेख इतने गहन, गंभीर और सारगर्भित होते हैं कि एक विशिष्ट मन:स्थिति के साथ ही उनका आनंद लिया जा सकता है ! आप इसी तरह लिखते रहें और अपने पाठकों को लाभान्वित करते रहें यही कामना है !
ReplyDeleteSadhana Vaid जी,
Deleteआपकी टिपण्णी मेरा उत्साहवर्धन करती है.
आपके ब्लोग्स Unmanaa,Sudhinama से हम
सभी का अच्छा मार्गदर्शन व मनोरंजन होता है.
आप आती रहा कीजिएगा,प्लीज.
राकेश जी,..आपके सार्थक लेखन,और सारगर्भित ब्लोग्गिग के एक वर्ष पूरे होने पर मेरी ओर से बहुत२ बधाई शुभकामनाए,आप इसी तरह लिखते रहे यही मेरी कामना है,....
ReplyDeleteMY NEW POST ...सम्बोधन...
dheerendra जी,
Deleteआपकी 'काव्यान्जली...' पर की गई
प्रस्तुतियाँ लाजबाब होतीं हैं.आप का मेरे ब्लॉग
पर आकर सुन्दर प्रेरणापूर्ण टिपण्णी करना और अपनी
प्रस्तुति के बारे में भी सूचित करना बहुत अच्छा लगता है.
बहुत बहुत हार्दिक आभार आपका.
aapki tukbandi nd comments bahut achche lge thanks.
ReplyDeleteआपको मेरी तुकबंदी और कमेंट्स अच्छे लगे,
Deleteयह मेरे लिए खुशी की बात है.
आपका हार्दिक आभार,निशा जी.
सर्वप्रथम आपको राकेश जी महाशिवरात्री पर हार्दिक शुभकामनाएं - शिव का कल्याणकारी हाथ हम पर हो - शिवमहिमा और कृष्ण - गीता पर भी आपसे सुनना पसंद करुँगी | आपको ब्लॉग की वर्षगांठ पर बधाई -आपके ब्लॉग से नित हमें ज्ञानवर्धक अध्यात्मिक रचनाएँ पढ़ने को मिलें - शुभम
ReplyDeleteआदरणीय डॉ नूतन जी,
Deleteमुझ पर प्रभु ने अति अनुग्रह किया है जो आप जैसी संत
हृदया विभूति से परिचय और संवाद का मौका ब्लॉग जगत
में मुझे प्राप्त हुआ है.आपका एक एक शब्द मुझे अमृत रस का
पान करा देता है.यह मेरा सौभाग्य ही है कि अध्यात्म पथ में
रची रंगीं आप से मुझे अनुपम मार्ग दर्शन मिलता रहता है.
आपके सत्संग से मैं सदा अनुग्रहित होता रहूँ,मेरी यही
अभिलाषा है.आपका 'अमृत रस' ब्लॉग अमृत रस की
अभूतपूर्व रस धार बहा रहा है.
मेरा आपको शत शत हार्दिक नमन.
राकेश जी क्षमा कीजियेगा समय से आपके ब्लॉग पर नहीं आ पाई ..!सबसे पहले आपको ढेरों शुभकामनायें एक तो बेटे के जन्मदिन की और दूसरी ब्लॉग की सालगिरह की ..!!आपके आलेखों को पढकर बहुत सीख मिलती है ..!!ताप,यज्ञ और दान का महत्व आपने बहुत सुंदरता से समझाया है ..!!आभार इस सुंदर ज्ञानवर्धक आलेख के लिए ...!!
ReplyDeleteAnupama Tripathi जी,
Deleteआपकी उपस्थिति से मेरा ब्लॉग धन्य हो जाता है.
आशा है आपकी पुस्तक का विमोचन समारोह बहुत अच्छी
प्रकार से संपन्न हुआ होगा.आपके ब्लोग्स anupama's sukrity.
स्वरोज सुर मंदिर..पर अनुपम भाव और भक्तिमय सुकृतियाँ,
और संगीत के बारे में भी पढ़ने का अच्छा सुअवसर मिलता है.
बहुत बहुत हार्दिक आभार आपका.
शुभकामनायें ...आशा है आने वाले कई वर्षो तक आप के की ज्ञानवर्धक लेख हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे ..
ReplyDeleteआशुतोष जी,
Deleteआपकी कलम से सुन्दर सार्थक लेखन का अनुपम
दान होता रहता है,यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है.
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का मैं हृदय से आभारी हूँ.
प्रथम वर्षगांठ पर बधाई ...
ReplyDeleteसुमन जी,
Deleteआप मेरे ब्लॉग पर आयीं,
बहुत अच्छा लगा.'अर्पित सुमन'
पर आपकी प्रस्तुतियाँ ब्लॉग जगत को खुशबू
से सराबोर कर रहीं हैं.
हार्दिक आभार आपका.
पारस को जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाएं, प्रभु की छत्रछाया उसे सदा मिलती रहे ..आपको बधाई
ReplyDeleteडॉ नूतन जी,
Delete'एक लोहा पूजा में राखत,एक घर बधिक परो
यह अंतर पारस नहीं जानत,सोना करत खरो'
आपकी शुभकामनाओं और आशीर्वाद से
पारस को 'पारस'बनना ही चाहिए.
राकेशजी, आपपर हनुमानजी की विशेष कृपा व स्नेह है, जो आप इतना सहज,सरल व सुंदर लिखते हैं। उनकी कृपा इसी तरह आप पर बनी रहे, सही हनुमान जी से मेरी कामना हैं।आपके सुपुत्र जी को जन्मदिन की शुबकामनायें।
ReplyDeleteदेवेन्द्र जी,
Deleteआपका सुन्दर सोच निर्मलता प्रदान करता है.
'शिवमेवम् सकलम् जगत' पर आपकी अभिव्यक्तियाँ
ब्लॉग जगत में शुभ का संचार कर रही हैं.
मेरे ब्लॉग पर आपके आते रहने का हृदय
से आभारी हूँ.
सार्थक पोस्ट, आभार.
ReplyDeleteS.N.SHUKLA जी,
Deleteमेरे ब्लॉग पर आपके आने का आभारी हूँ.
आपके ब्लोग्स काल चिंतन,MERI KAVITAYEN
पर सुन्दर और सार्थक प्रस्तुतियाँ पढ़ने को मिलती हैं.
आते रहा कीजिएगा जी.
वर्षगाँठ ढेरों बधाइयाँ....और बेटे पारस को भी २५ वें जन्मदिन की शुभकामनाएं ....
ReplyDeleteआपने तो....
तप,यज्ञ' और 'दान'तीनों
कर लिए हैं अपने नाम ....
आदरणीय हरकीरत जी,
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर आना बहुत हर्षित करता है मुझे.
आप कुछ भी कहें,सब अच्छा लगता है.
अपना स्नेह बनाये रखियेगा जी.
वर्षगाँठ की बहुत बधाई ...
ReplyDeleteRahul ji,
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद.
आपके ब्लॉग पर अंग्रेजी भाषा में
अच्छी कविता व यात्रा वृतांत
प्रस्तुत होते रहते हैं.
मेरी कोशिश रहेगी कि आपके
ब्लॉग पर मैं आता जाता रहूँ.
ब्लॉग जगत में एक वर्ष पूरा करने पर बधाई । इस एक वर्ष में आपने हम सब के मन में एक विशेष स्थान बना लिया है । आपकी हर पोस्ट एक निर्मल आनंद की सृष्टी करती हैं । आपने ब्लॉगिंग के संदर्भ में जो यज्ञ तप और दान की व्याख्या की है वह बहुत पसंद आई । निस्वार्थ समष्टी के लिये किया गया कार्य एक यज्ञ ही है । वह अग्निकुंड में घी की आहुती दे कर ही संपन्न नही होता ।
ReplyDeleteआशा जी,
Deleteआपकी सुन्दर टिपण्णी मुझ में आशा का संचार करती है.
स्व प्न रं जि ता पर आपकी अनुपम प्रस्तुतियाँ
मन को मग्न कर देती हैं.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
देर तो हुई... बेटे को ढेर सारा आशीष
ReplyDeleteआदरणीय रश्मि जी,
Deleteआपके दो शब्द्भी भी मेरे लिए बहुत अनमोल हैं जी.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
Congratulations Sir and may this blog continue to enlighten us for a long long time.
ReplyDeleteAnd, wishing Paras, belated Happy Birthday:)
सारु जी,
Deleteआपकी प्यारी टिपण्णी से मेरा ब्लॉग शोभायमान
हो जाता है.आपका लेखन लाजबाब है.
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
राकेश जी आज के इस सुअवसर पर मेरा हिंदी में लिखना सही होगा ,इस कारण मैं आज अपनी मातृ भाषा में अपने विचार को रख रही हूँ ,सबसे पहले आपको ढेरो बधाई और आपके बेटो को शुभाशीष ,हरकीरत जी की बातों से मैं भी सहमत हूँ ,आपके विचार अति उत्तम है ,तभी आपने सार्थक नाम सोचा ब्लॉग का ,जीवन के अमूल्य तत्वों को बड़ी खूबसूरती से समझाया ,कई लेख के बारे में जानकारी भी दी ,वादा तो नही करती मगर कोशिश अवश्य रहेगी उन्हें पढने की .आपके शब्द -भाव कमाल के होते है ,जिसे पढने से मन को शांति मिलती है ,इस ब्लॉग को हमेशा पढने का लाभ हमें मिलता रहें यही दुआ है ,उत्तम सोच सरलता का परिचय देते है ,आप से फिर भला कौन नाराज हो सकता है .एक बार फिर हार्दिक बधाई .
ReplyDeleteज्योति सिंह जी,
Deleteआपकी टिपण्णी रुपी ज्योत से मेरा ब्लॉग जगमगा उठता है.
आपके सुन्दर सारगर्भित लेखन से बहुत सीखने को मिलता है.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
एक बात और कहनी रही ,मेरे ब्लॉग पर आकर मेरी रचना से जुड़े बिषय पर आपने अति उत्तम विचार प्रस्तुत किये ,इसके लिए बहुत बहुत धन्यबाद
ReplyDeleteआपका धन्यवाद किसी भी आशीर्वाद से कम नहीं है,ज्योति जी.
Deleteआभार.
aaderneey bhaisaheb,...aapke lekh se tap jap aaur sayam ke baare me adbhut jaankari mili...kabhi is baare me socha hee nahi tha..aapki lekhni ko dil se naman..ishwr se dua hai aapki lekhni hame eun hee adhyatm ke naye gahan rahsyo ke baar me aise hee naye prakash punj dikhati rahe..sadar badhayee aaur sadar pranam ke sath
ReplyDeleteआशुतोष भाई,
Deleteआपकी सुन्दर भावनाएँ और टिपण्णी
भगवान आशुतोष का प्रसाद ही हैं.
आपसे मिलने को मेरा मन भी करता है.
मेरा भी आपको सादर प्रणाम.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
पारस जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं!(though belated:(
ReplyDeleteदेरी के लिए क्षमा करेंगे...
इस स्थान पर आना गंगा स्नान से कम नहीं है... आप बहुत बड़ा काम कर रहे हैं. सत्संग से बढ़कर कुछ नहीं होता, आपको इस श्रेय के लिए हार्दिक धन्यवाद और बधाई!
यूँ ही निरंतर यह सत्संग चलता रहे और हम सभी लाभान्वित होते रहे!
आभार!
अनुपमा पाठक जी,
Deleteआपकी भक्तिपूर्ण हृदय को मेरा सादर नमन.
आपके आने से ही मेरा ब्लॉग अनुपम पवित्रता
का अहसास करता है.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
राकेश जी,ब्लोगिंग के एक वर्ष पूरा करने की बहुत२ बधाई.पारस को जन्म दिन की
ReplyDeleteशुभकामनाए सस्नेह प्यार.....
MY NEW POST...आज के नेता...
आपकी नई पोस्ट बहुत अच्छी लगी.
Deleteआभार.
aapko bahut bahut badhai,aapne apne liye nahi dusron ke liye likha hai aapne jo gyan ka dariya bahaya hai vo sabhi ko kuchh na kuchh de kar hi gaya hai aapka abhar aur dhnyavad
ReplyDeleterachana
रचना जी,
Deleteआपका मेरे ब्लॉग से जो स्नेह है,
उसके लिए आपका बहुत आभारी हूँ.
सदा स्नेह बनाये रखियेगा जी.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणों न धर्मः
ReplyDeleteते मृत्यु लोके भुवि भार भूता मनुष्य रूपेण मृगाश्चरन्ति
आपका लेखन वंदनीय
शत शत प्रणाम
रमाकांत जी,
Deleteआप मेरे ब्लॉग पर आये,यह मेरा सौभाग्य है.
आपके सुवचन अनमोल हैं जी.
आपकी सुन्दर भावपूर्ण टिपण्णी को मेरा सादर नमन.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ब्लागिंग का एक वर्ष पूरा होने पर हार्दिक बधाई। निरंतर लेखन के लिए मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteचिरंजीव पारस के जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
महेंद्र जी,
Deleteबहुत बहुत आभार जी.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
SADAR BADHAI KE SATH HI NAYE POST KI PRATEEKSHA HAI ...RAKESH JI .
ReplyDeleteनवीन मणि जी,
Deleteआपका आभार जी,
शीघ्र कोशिश करता हूँ नई पोस्ट लिखने की.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ब्लागिंग का एक वर्ष पूरा होने पर हार्दिक बधाई
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आना हमेशा सुखद होता है
निरंतर लेखन के लिए मंगलकामनाएं।
वंदना जी,
Deleteआपकी प्रसन्नता मुझे भी प्रसन्न करती है.
मेरे ब्लॉग पर आपके आते रहने का आभार हूँ.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
एक वर्ष का सफर सफलतापबर्वक तय करने के लिए धन्यवाद । आशा है आने वाला वर्ष भी आपको ऐसे ही कुछ धार्मिक बातों को पोस्ट करने के लिए प्रेरित करते रहेगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है . धन्यवाद .
ReplyDeleteप्रेम सरोवर जी,
Deleteआपके नाम से ही प्रेम का उद्भव होता है जी.
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का आभारी हूँ.
आपकी नई पोस्ट अनुपम है.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
ReplyDeleteअंजना जी,
Deleteमेरे ब्लॉग पर आपके आने का आभारी हूँ.
होली की शुभकामनाएँ.
ek varsh pura hone ke liye hardik bdhai ...aapke blog par aakar gayan men bahut vrdhi hoti...aabhaar...
ReplyDeleteडॉ भावना जी,
Deleteदूर परदेश से मेरे ब्लॉग पर आकर
आप अपने स्नेह का अहसास करा देती हैं.
सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहें यही दुआ है.
होली के शुभोत्सव पर बहुत बहुत
हार्दिक शुभकामनाएँ
"जेहि पर क्रिपा राम की होई,
ReplyDeleteतेहि पर क्रिपा करहि सब कोई॥...."
--राकेश जी आप पर तो राम की अतिशय क्रपा है....आप की वाणी-भाषा रूपी कर्म में आकर तो शब्द स्वयं ही तप, दान व यग्य हो जाते हैं....
डॉ. श्याम जी,
Deleteआपके सुवचन मुझे उत्साहित करते हैं.
आपका सुलेखन ब्लॉग जगत को अनुपम दान है.
बहुत बहुत हार्दिक आभार.
होली के रंगारंग शुभोत्सव पर अनेकानेक शुभकामनाएँ
dhnya kar diya aapki lekhni ne........
ReplyDeletejai ho aapki !
आदरणीय अलबेला जी,
Deleteयह मेरा परम सौभाग्य है कि आप मेरे ब्लॉग पर आए.
आपका हृदय से आभारी हूँ जी.
होली के रंगारंग शुभोत्सव पर
हार्दिक शुभकामनाएँ
ब्लागिंग का एक वर्ष पूरा होने पर हार्दिक बधाई,पारस को हार्दिक बधाईयाँ..
ReplyDeleteavanti singh जी,
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया.
होली की शुभकामनाएँ.
राकेश जी...
ReplyDeleteनिरंतर इसी तरह लिखते,आपको पढ़कर मन को सकून मिलता है,..
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
आपकी नई पोस्ट चिंगारी बहुत अच्छी लगी.
Deleteआभार.
राकेश जी.. सही तरह से इलाज लीजियेगा .. पूरी दवाइयां पूरा दवाई का कोर्स लीजियेगा ... और खान पान का विशेष परहेज .. टाईफोइड रेलेप्स भी होते है ..अगर प्रोपर्ली ट्रीटमेंट ना लिया हो.. जल्दी से आप पूर्ण स्वस्थ होयें ...
ReplyDeleteआपकी सुन्दर सलाह और दुआ से बुखार अब
Deleteउतर गया है.बस कमजोरी है.दवाई का कोर्स
पूरा करूँगा.
आपकी सहृदयता और सहानभूति के लिए बहुत बहुत हार्दिक आभार.
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ पर बधाई...पारस को हार्दिक शुभकामनायें ! आप के ब्लॉग पर आकर अद्भुत शान्ति मिलती है...आभार
ReplyDeleteKailash Sharma जी,
Deleteआपके सुन्दर सत्संग से मुझे भी बहुत सुखानुभूति होती है.
आपकी दुआ और आशीवाद का सैदेव आकांक्षी हूँ.
होली के रंगारंग शुभोत्सव पर
हार्दिक शुभकामनाएँ
ब्लोगिंग की प्रथम वर्षगाँठ पे बधाई ... आपका ब्लॉग मात्र ब्लॉग नहीं है ... मैं तो यहाँ तीर्थ स्थान समझ के आता हूँ और हर बार कुछ न कुछ नया ज्ञान ले के ही जाता हूँ ...
ReplyDeleteपारस को भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ...
दिगम्बर नासवा जी,
Deleteतीर्थ वही है जहाँ संत जन का आना जाना रहे.
आप संत जन के आने से ही मेरा ब्लॉग तीर्थ
का दर्जा पाता है.
आपके आते रहने का हृदय से आभारी हूँ.
होली के रंगारंग शुभोत्सव पर
हार्दिक शुभकामनाएँ
congratulations !!
ReplyDeletealways a great pleasure to read u as well as getting comment from u :)
ज्योति जी,
Deleteआप जैसी युवा ब्लोगर के उच्च कोटि
के लेखन को पढकर मन हर्ष से भर जाता है.
आपकी सुन्दर टिपण्णी के लिए आभार.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत२ बधाई,शुभकामनाए.....
ReplyDeleteMY NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
NEW POST ...फुहार....: फागुन लहराया...
ब्लॉग्गिंग की प्रथम वर्षगांठ पर व् पुत्र पारस के जन्म दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें.आपके संकलन व् लेखन का मैं अभी तक अधिक आकलन नहीं कर पाई हूँ समय मिलने पर मैं अवश्य आपके ब्लॉग से जुडी रहना चाहूंगी.आप ताइफ़ाइदहोने के बावजूद हमारे आह्वान का सम्मान कर वोट डालने गए और आपने हमारा उत्साहवर्धन किया इसके लिए हम आपके बहुत आभारी हैं.शुभकामनायें स्वीकार कीजियेगा .
ReplyDeletenamaskar rakesh kumar ji
ReplyDeletehardik shubhkamnay aapke blog ke aur bete ka janm din ki .
aapke blog par aana sadaiv sukhad hota hai . supt dwaro ka khulna aur adhyatmik shanti bhi milti hai ............aap isi tarah likhe rahe aur gyan ki varsha hoti rahe
. abhar sunder blog ke liye .
ब्लागिंग की प्रथम वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई स्वीकारें !
ReplyDeleteहमारी कामना है कि स्वस्थ-सानन्द एवं सक्रिय रह कर आप इसी प्रकार सत्संग के पुण्यभागी बनें और प्रिय पारस अपने नाम को सार्थक करें !
bahut sundar...shubhkamnaye
ReplyDeleteराकेश जी,..जून में मेरे ब्लॉग को एक वर्ष पूरा होगा,..लिखते हुए,..
ReplyDeleteबधाई हो एक वर्ष पूरा करने के लिए,.....
भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,
NEW POST...फिर से आई होली...
'तप' का अर्थ उन बातों को सीखते (Learn) रहना है जो हमें जीवन में स्थाई (permanent)चेतन आनंद यानि ईश्वर प्राप्ति की ओर अग्रसर करती रहें.तप करने में शरीर,मन ,बुद्धि,वाणी,कर्म सभी को सदा साधते रहना पड़ता है.इसलिए जीवन के हर स्तर पर सीखने के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है.अस्थाई (temporary) आनंद के लिए किया गया तप निरर्थक और क्लेश मात्र ही है.ब्लॉग्गिंग में सार्थक पोस्ट और टिपण्णी लिखने का प्रयास एक सुन्दर तप ही है.
ReplyDeleteआपकी सहजता ,सदाशयता ,बाल भाव सीखने का अनुकरणीय है आबालवृद्धों के लिए .होली मुबारक .बुरा न मानों होली है ,रंगों की बरजोरी है,मस्तानों की टोली है ,
rakesh ji sorry der se pahuchi ji pahle to paaras ke jandin ki badhaai kabool kijiye doosre aapke bloging ki varshgaanth ki badhaai.aapka lekhan bahut gyaan aur prerna deta hai ...aane vaali holi ki shubhkamnaayen..sneh banaaye rakhiye.
ReplyDeleteओह्ह तो यह बात थी। आपको बहुत-बहुत बधाई राकेश भाई।
ReplyDeleteदेर से ही सही...मगर स्वीकार करें...
ReplyDeleteबेटे के २५ और ब्लॉग के १ वर्ष पूरा होने की बधाई.....
ढेर सी शुभकामनाएँ.
सादर.
नहीं नहीं...हम वक्त पर बधाई दे चुके थे....दिखा नहीं अपना कमेंट तो फिर कर दिया...
Deleteचलिए दुगुनी शुभकामनाये स्वीकार करें:-)
होली की भी शुभकामनाएँ.
बधाई...........
ReplyDeleteआपका ये सार्थक लेखन अनवरत चलता रहे....
सादर.
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ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें!
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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होली का पर्व मुबारक हो !
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
Congratualtions on Mansa Vacha Karmana's first anniversary.....wishing everybody a very happy holi!
ReplyDeleteराकेश जी,...होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
ReplyDeleteRECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
पता नहीं कमेंट गया कि नहीं
ReplyDeleteSparkling colours of HOLI may paint your life in the way to make you prestigious,honourable and lovable all around.Happy Holi.
ReplyDeletebndhuvr aabhar bhut sundr kary me snlgn hain ise nirntrta diye rhe shubhkamnayen
ReplyDeleteaapko bhi holi parv ki dhero badhai gulaal aur rang ke saath .
ReplyDeleteआपका ब्लॉग अध्ययन ग़ज़ब है ।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें राकेश जी ।
आदरणीय गुरु जी नमस्ते! आपके पुत्र चि० पारस की पच्चीसवीं सालगिरह पर ढेरों शुभ कामनाएं. मै जब भी आपके ब्लॉग पर आता हूँ तो हर बार कुछ नया सिखने को मिलता है यह सब अनुभव करते हुवे भी मै मुर्ख मानव कुछ देर से आप के पोस्ट पर आ पाया हूँ आशा है आप क्षमा करेंगे...क्यों की क्षमा बडन को चाहिए छोटन को उत्पात ....यह जरुरी नहीं है की अभी तक आपने इतना कम क्यों लिखा अपितु जरुरी तो ये है की आप ने जो भी लिखा बहुत ही सार्थक तथा ज्ञानवर्धक लिखा. और यही अंदाज हमें आपकी ओर खिंच लाता है . आपको तथा सभी ब्लॉगर बंधुओं को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की बधाई और शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने और सारगर्भित टिप्पणी देने के लिए आभार!